
Naxalite picked up for questioning and put in jail
राष्ट्रमत न्यूज,बालाघाट। विगत दिवस दक्षिण बैहर क्षेत्र के बिलालकसा के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। जिसमें नक्सली अपना समान छोड़ कर भाग गए थे। पुलिस सर्चिग और मुखबिर से पता कर रही थी कि, नक्सली कहां गए। पुलिस ने संदेह के आधर पर बिलालकसा निवासी अशोक टेकाम को उठा लायी। नक्सलियों के संदर्भ में उससे पूछताछ की। उससे पुलिस को नक्सलियों के सदंर्भ में कोई जानकारी नहीं मिलने पर उसके विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर उसे जेल भेज दिया।
अशोक पर शांति भंग का आरोप
अशोक टेकाम 30 वर्ष पितकोना मार्ग पर बन रही पुलिया में मजदूरी का काम करता है।उसे डाबरी पुलिस ने संदेह के आधार पर लांजी और हट्ठा थाने ले गयी। उससे नक्सलियो के संदर्भ में पूछताछ किया गया। लेकिन उसके जरिये पुलिस को जंगल से मुठभेड़ के दौरान भागे माओवादियों के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद लांजी पुलिस उसे 24 मई को गांव में शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में धारा 151 में गिरफ्तार कर एसडीएम कार्यालय लांजी की अदालत में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में बालाघाट जेल भेज दिया गया हैं।
सरंपच को पुलिस छोड़ दी
दड़कसा के सरपंच फूलसिंह मेरावी का कहना है कि अशोक टेकाम को जब पुलिस ले जा रही थी उस समय मैं भी उसके साथ गया था। हम दोनों से नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में पुलिस पूछताछ की।मुझे उस दिन शाम को छोड़ दिया गया। और मैं घर आ गया। लेकिन पुलिस ने अशोक टेकाम को नहीं छोड़ी।
इनका कहना है
जब से अशोक टेकाम को पुलिस जेल भेज दी है,आदिवासी आक्रोशित हैं। पुलिस की कार्यवाही से नाराज आदिवासी एस.पी को ज्ञापन सौंप कर अशोक टेकाम को जेल भेजे जाने की वजह पूछंेंगे।बेवजह आदिवासियों को जेल पुलिस भेजगी तो प्रदर्शन करेंगे।
संजय उइके,विधायक,अघ्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी
इनका कहना है
आदिवासी गांव में शांति भंग करने के अपराध में अशोक टेकाम को लांजी पुलिस ने गिरफ्तार कर धारा 151 के तहत जेल भेजा हैं। इस मामले की जांच की जा रहीं हैं।
वेंकट टाटिंया, थाना प्रभारी लांजी