रीवा 23 अक्टूबर। रीवा में प्रदेश के पाँचवे रीजनल इंडस्ट्री काॅन्क्लेव का मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने शुभारंभ किया। कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम में आयोजित भव्य समारोह में विन्ध्य में औद्योगिक निवेश के लिए बड़े उद्यमियों ने उत्साह दिखाया।
डालमिया सीमेंट प्लांट लगाएगा
उद्घाटन समारोह में डालमिया ग्रुप के महाप्रबंधक पुनीत डालमिया ने कहा कि रीवा जैसे में बहुत शानदार तरीके से इंडस्ट्री काॅन्क्लेव का आयोजन किया गया है। इससे विन्ध्य में औद्योगिक निवेश के बड़े अवसर पैदा होंगे। समारोह में प्रदेश के बड़े अधिकारियों ने मध्यप्रदेश की जो तस्वीर प्रस्तुत की है उससे सभी उद्योगपति बहुत प्रभावित हैं। विन्ध्य में डालमिया उद्योग चार लाख टन उत्पादन क्षमता का सीमेंट प्लांट लगाने जा रहा है। इसमें तीन हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। यह प्रदेश का नवकरणीय ऊर्जा पर चलने वाला पहला सीमेंट प्लांट होगा। विन्ध्य में पर्यटन के विकास में भी हमारा ग्रुप निवेश करेगा।
सोलर एनर्जी और आईटी के क्षेत्र में निवेश
पतंजलि ग्रुप के महाप्रबंधक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमारे ग्रुप में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने बहुत बड़ी संख्या मध्यप्रदेश के निवासियों की है। विन्ध्य कला संस्कृति और संस्कार की भूमि है। पूरा मध्यप्रदेश शांति का टापू है। पतंजलि ने स्वदेशी उत्पादों और नवीन टेक्नालाजी को लगातार बढ़ावा दिया है। मध्यप्रदेश के रूचि सोया प्लांट को नया जीवन देकर पतंजलि ने कई खाद्य उत्पाद बना रहा है। मध्यप्रदेश में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए हम किसानों का सहयोग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के कई जिलों में सरसों अन्य तिलहनों तथा औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को निःशुल्क प्रशिक्षण देकर सहयोग कर रहे हैं। सोलर एनर्जी और आईटी के क्षेत्र में भी हम बड़ा निवेश करेंगे।
खेती के अवशेषों से बिजली प्लांट
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट एचके त्रिपाठी ने कहा कि हमारा उद्योग जन कल्याण और देश के विकास में सतत योगदान के लक्ष्य को लेकर लगातार निवेश कर रहा है। कपड़ा उद्योग, मोबाइल सेक्टर, ऊर्जा क्षेत्र सहित अनेक क्षेत्रों में कार्य हो रहे हैं। शहडोल में मीथेन गैस का दोहन करके उसका ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा रहा है। हम विन्ध्य क्षेत्र में धान की पराली, केले के अवशेष तथा अन्य खेती के अवशेषों से बिजली बनाने का प्लांट शीघ्र ही लगाएंगे।
समारोह में रामा ग्रुप के सीएमडी नरेश गोयल ने कहा कि हम सतना जिले में 1998 से लकड़ी पर आधारित उद्योग संचालित कर रहे हैं। शीघ्र ही लकड़ी पर आधारित दो नई इकाईयों की विन्ध्य में स्थापना की जाएगी। लगभग सौ करोड़ का हम निवेश करने जा रहे हैं। साथ ही 400 करोड़ का एमडीएफ यूनिट स्थापित करने की योजना पर भी कार्य हो रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड में प्लाईवुड यूनिट और छत्तीसगढ़ में दो यूनिट स्टील आयरन की भी लगाई गई हैं। वुड बेस्ड इंडस्ट्री वनों पर आधारित नहीं है। यह अब एग्रो बेस्ड वुड पर आधारित हो गया है। समारोह में अडाणी ग्रुप के भिमसी कचोट ने कहा कि हमारा ग्रुप मध्यप्रदेश में सीमेंट और ऊर्जा के क्षेत्र में पहले ही बड़ा निवेश कर चुका है। हमारे दो प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर तैयार हो रहे हैं। हम ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाएंगे। मध्यप्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए बहुत ही सकारात्मक नीतियाँ हैं।