
Ecb,eow investingation is going on in congress leaders house and 15 location
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर (राजू तिवारी)। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शराब घोटाला मामले को लेकर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने छापेमारी की है। शनिवार की एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा है। राजधानी रायपुर, दंतेवाड़ा, अंबिकापुर, सुकमा, तोंगपाल और जगदलपुर समेत लगभग 15 ठिकानों पर ईओडलब्यू की टीम ने दबिश दी है। सुकमा जिला मुख्यालय में चार ठिकानों पर रेड कार्रवाई की गई है। जबकि दंतेवाड़ा में एक कांग्रेसी नेता के घर में टीम ने छापा मारा है. यहां जांच चल रही है।जिन जगहों पर रेड की गई है, वे सभी ठिकाने पूर्व मंत्री कवासी लखमा से जुड़े लोगों के हैं।
शहीद हेमू कलाणी वार्ड में जी नागेश्वर राव के घर में भी छापा पड़ा है। ये कवासी लखमा के करीबी हैं।
15 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले केस में शनिवार सुबह ACB-EOW की टीमों ने सुकमा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, अंबिकापुर और रायपुर में एक साथ छापेमारी की। 5 जिलों के करीब 15 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है। रायपुर के देवेंद्र नगर के शहीद हेमू कलाणी वार्ड स्थित जी नागेश्वर राव और जी श्रीनिवास राव के घर भी छापा पड़ा है। जी नागेश्वर कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं। छापेमारी के दौरान टीम कई दस्तावेज और डिजिटल सबूत अपने साथ ले गई है।
नहाटा के घर पर भी छापा पड़ा
श्रीनिवास कांग्रेस से पार्षद प्रत्याशी थे। नागेश्वर राव कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा के करीबी हैं। सुबह 2 गाड़ियों में करीब 8-10 अधिकारियों ने दबिश दी। इसके साथ ही संतोषी नगर स्थित कमलेश नहाटा के घर पर भी छापा पड़ा है। EOW-ACB की टीम दस्तावेज खंगाल रही है।वहीं EOW की छापेमारी को लेकर CM विष्णु देव साय ने कहा कि कार्रवाई लगातार जारी है। शिकायतें मिलने के बाद केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां जांच कर रही हैं, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सजा दी जाएगी।
अंबिकापुर में EOW ने कपड़ा व्यवसायी के ठिकानों पर छापा मारा है।
लखमा के करीबियों के घर कार्रवाई
दरअसल भूपेश सरकार के कार्यकाल में हुए कथित शराब घोटाले के मामले की जांच चल रही है । इसी मामले में आज शनिवार को दो जिलों के अलग-अलग ठिकानों में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमें जांच के लिए पहुंची हैं ।सुकमा के जिला मुख्यालय में 4 ठिकानों पर छापा मारकर जांच चल रही है । जिनके ठिकानों पर छापा मारा गया है वो पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा के विधायक कवासी लखमा के करीबी बताए जा रहे हैं।वहीं दंतेवाड़ा में कांग्रेस नेता राजकुमार तामो के घर ACB-EOW ने दबिश दी है।राजकुमार तामो को कवासी लखमा का करीबी माना जाता है। सुकमा जिले में 4 स्थानों पर छापेमारी हुई है। इसमें जिला मुख्यालय के 3 और तोंगपाल के 1 स्थान पर कार्रवाई जारी है।इनमें हार्डवेयर और पेट्रोल पंप कारोबारी भी शामिल हैं। ये सभी व्यक्ति भी कवासी लखमा के नजदीकी बताए जा रहे हैं।
जेल में बंद हैं कवासी लखमा
ईडी ने शराब घोटाले केस में 15 जनवरी को प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व उनसे दो बार ईडी ऑफिस में बुलाकर पूछताछ हुई थी। गिरफ्तारी के सात दिन बाद पहले आबकारी मंत्री लखमा को पहले ईडी ने सात दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। फिर 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड लिया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद 18 फरवरी तक लखमा की रिमांड बढ़ा दी थी। लखमा के बेटे हरीश लखमा से भी ईडी ने पूछताछ की थी।
लखमा को हर महीने मिलते थे दो करोड़ रुपये
शराब घोटाले केस की जांच में ईडी ने अब तक कई खुलासे किए हैं। ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने कवासी की पहली पेशी पर दावा करते हुए कहा था लखमा को हर महीने दो करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर मिलते थे। उन्हीं पैसों से उन्होंने कांग्रेस भवन और अपना अलीशान घर बनवाया है। 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और सुकमा कांग्रेस भवन के निर्माण में लगाई गई है। गिरफ्तार अरुणपति त्रिपाठी और अरविंद सिंह ने पूछताछ में बताया था कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के पास हर महीने कमीशन जाता था।
दंतेवाड़ा में कांग्रेस नेता राजकुमार तामो के घर ACB-EOW ने दबिश दी है।
अंबिकापुर में कपड़ा व्यवसाय के खिलाफ रेड
वहीं अंबिकापुर में भी कार्रवाई की गई है। यहां ACB-EOW की टीम ने कपड़ा व्यवसाय से जुड़ी फर्म धजाराम-विनोद कुमार के संचालकों के ठिकानों पर छापा मारा है। इस फर्म का नाम पहले भी चर्चित डीएमएफ (DMF) घोटाले में आ चुका है।इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। पहले भी ईडी (ED) और आयकर विभाग (IT) इन व्यापारियों पर कार्रवाई कर चुके हैं। फर्म के संचालक मुकेश अग्रवाल और विनोद अग्रवाल हैं, जिनके घरों पर शनिवार सुबह छापेमारी शुरू हुई।
अपने परिजनों के नाम पर किया निवेश
एफआईआर के मुताबिक अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने शराब घोटाला से मिले रकम को अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश किया। टुटेजा ने अपने बेटे यश टुटेजा के नाम पर निवेश किया और त्रिपाठी ने अपनी पत्नी अपनी पत्नी मंजूला त्रिपाठी के नाम पर फर्म बनाया जिसका नाम रतनप्रिया मीडिया प्रइवेट लिमिटेड था। ढेबर ने अपने बेटे और भतीजों के फर्म पर पैसे निवेश किया।
ED ने 3 हजार 841 पन्ने का चालान पेश किया
ऐसे खुला राज..
ईडी की चांच में पता चला कि टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से कमीशन लिया गया था। इस मामले में जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने अरेस्ट किया तो उसने कांग्रेस सरकार में सीएसएमसीएल में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, रायपुर महापौर के बड़े भाई शराब कारोबारी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया। जब ईडी ने इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे हुए। फिर साल 2024 में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया। ED की जांच में पता चला है कि लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमिशन मिलता था।