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बालाघाट। जिला प्रशासन का ध्यान इस बार गर्मी में गांव के पीपल और कुएं की ओर गया है। यह मान लिया गया है कि यही गांव की पहचान हैं। क्यों कि कुएं का ठंडा पानी और पीपल की छांव हर गांव की पहचान रही है। इस पहचान को बरकरार रखने के लिए अब ऐसे पुराने और बहुउपयोगी कुओं के रिचार्ज करने का अनोखा कार्य गांवांे में प्रारम्भ हो गया है। जिला पंचायत सीईओ अभिषेक सराफ के आदेश पर प्रारंभिक तौर पर हर जनपद पंचायत में ऐसे दो दो कुओं को रिचार्ज करने का कार्य प्रारम्भ किया गया।
20 वर्ष पुराना कुआं
बालाघाट जनपद के हरदौली पंचायत के तिवड़ीखुर्द में 2 और लांजी की बेलगांव पंचायत के लोडामा गांव के बाजार चौक के कुएं से इसकी शुरुआत हो गई हैं। गांव के सचिव परते ने बताया कि 20 वर्ष पुराना कुआं शक्रवार गांव में लगने वाले हाट बाजार कों जलापूर्ति करता है। साथ ही गांव के आधे नागरिक इसी कुएं के पानी का उपयोग करते है। 35 फीट गहरे इस कुएं में पूरे वर्ष भर पानी रहता है। लेकिन जून में पानी का स्तर गिरने लगता है।
जनवरी में गिर जाता है जलस्तर
जनपद सीईओ ममता कुलस्ते ने बताया कि तिवड़ीखुर्द में 2 कुओं को रिचार्ज किया जा रहा है। यहां फरवरी में शंकरघाट पर मेला लगता है। इस दौरान जनवरी में ही इन कुएं का जलस्तर नीचे चला जाता है। गाँव की जनसंख्या 1871 है। गांव में नल जल योजना संचालित है।
कुएं जलसंवर्धन में शामिल
सचिव परते ने बताया कि गांव में पेयजल के अन्य स्त्रोत भी हंै, लेकिन इस कुएं को वर्ष भर उपयोगी बनाने और जल संरक्षण के लिए चुना गया है। कुएं से 5 से 10 फीट दूर 10-10 फीट लंबाई-चैड़ाई और 10 फीट गहरा गड्ढा किया गया है। अब इस गड्ढे में 3 फीट तक सबसे पहले बड़े पत्थर फिर छोटे पत्थर के बाद 3 फीट तक मुरुम व बजरी का उपयोग किया जाएगा। साथ ही 9 फीट पर कुएं को गड्ढे से जोडने के लिए एक पाईप रखा गया हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान में इस काम को शामिल किया गया है।