
The result of the end of fear of the police is the incident of gangrape

बालाघाट! बिठली पंचायत के आदिवासी बाहुल्य नक्सल प्रभावित दुगलई गांव की नाबालिक बच्चियों के साथ हुई गैंगरेप की घटना की विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कड़ी निंदा करते हुए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
इसी क्रम में पूर्व सांसद कंकर मुंजारे भी 26 अप्रैल को पीड़िताओ के गांव पहुंचे और वापसी में पीड़िताओं से हट्टा थाने में मुलाकात कर जानकारी ली किंतु वहां के थाना प्रभारी और पुलिस कर्मचारियों ने पूर्व सांसद से बदसलूकी कर धक्का मुक्की करते हुए थाना से बाहर कर दिया। जिसको लेकर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने 27 अप्रैल को पत्रकारों से चर्चा कर पुलिस पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया ।
इसी क्रम में पूर्व सांसद कंकर मुंजारे भी 26 अप्रैल को पीड़िताओ के गांव पहुंचे और वापसी में पीड़िताओं से हट्टा थाने में मुलाकात कर जानकारी ली किंतु वहां के थाना प्रभारी और पुलिस कर्मचारियों ने पूर्व सांसद से बदसलूकी कर धक्का मुक्की करते हुए थाना से बाहर कर दिया। जिसको लेकर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने 27 अप्रैल को पत्रकारों से चर्चा कर पुलिस पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया ।

श्री मुंजारे ने कहा कि जिले में पुलिस और कानून का भय खत्म हो गया जिसका परिणाम है नाबालिक आदिवासी लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना होना । उन्होंने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि उक्त घटना शर्मनाक है जिसे पहले तो दबाने का प्रयास किया जा रहा था और परिजनों को आरोपियों के परिजन सत्ता पक्ष के संरक्षण में रुपए का लालच दे रहे थे। उन्होंने सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि मरार समाज की एक महिला के साथ दुराचार होने पर रैली और आंदोलन किया जाता है किंतु आदिवासी नाबालिक लड़कियों के साथ गैंगरेप की घटना पर कोई आवाज नहीं उठाई जा रही है ।