
Balaghats steps moving towards tourism
बालाघाट। वन्य जीवों , ताजी हवा और आकर्षित करती बालाघाट की स्थलों पर हिल स्टेशन की तरह विकसित करने के प्रयास प्रारम्भ हुए है। इसके लिए कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने अपने निर्देशन में स्थलों का चयन कर प्रस्ताव तैयार कराए। उनके द्वारा तैयार कराए गए प्रस्तावों में बैगा हाट बाजार को पुनः विकसित करने की मप्र टूरिज्म विभाग से अनुमति मिल चुकी है। तैयार किये प्रस्ताव के अनुसार शहर के करीब प्राकृतिक सौन्दर्यता बिखेरने वाले गांगुलपारा , राष्ट्रीय टायगर रिजर्व से सटे गांव लगमा और आरामटोला को चुना गया है। इन स्थलों को विकसित करने के प्रस्ताव भेजें गए है। साथ ही लगमा में ही स्थापित बैगा हाट बाजार को पुनः नए कलेवर के साथ विकसित करने की रूपरेखा तैयार की गई है।
एडवेंचर वाले खेलों से यूक्त होंगे स्थल
जिला पुरातत्व पर्यटन व संस्कृति परिषद द्वारा बालाघाट के चुनिंदा स्थलों को हिल स्टेशन का रूप देने के प्रयासों में गांगुलपारा , लगमा व आरामटोला जलाशय , झरने व प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से निहारने सहित प्रकृति को करीब से महसूस करने के लिए कुछ एडवेंचर व मनोरंजक खेलों को अपनाया जाएगा। में गांगुलपारा में ज़िप लाइन , फॉक्स लाइन , एटीवी बाइक राइड , पेंट वॉल , रॉकेट इजेक्टर , स्काय साइकिलिंग , गो-कार्टिंग और हाइकिंग जैसे रोमांचक व मनोरंजक खेलों को शामिल किया गया है। यानी कोई व्यक्ति गांगुलपारा पहाड़ी से झरने व जंगल की खाइयों को पार करने का अनुभव करना चाहता है तो ज़िप लाइन से लटकते हुए कर सकेंगे। इसी तरह तारों पर पहाड़ी वाले स्थलों पर साइकिलिंग का भी अनोखा अहसास पर पाएंगे। साथ ही जंगल के ऊबड़खाबड़ , रेतीले व पगडंडियों वाली सड़को पर बाइक राइड का आनंद ले सकेंगे। वहीं लगमा इन सब के साथ सायकिल ट्रेल जो जंगल के रास्तों से साइकिलिंग का सुखद अनुभव होगा।
पक्षियों को निहारने का अवसर होगा
कान्हा टाइगर रिजर्व के पास ही आरामटोला में बर्ड वॉचिंग गतिविधि भी प्रारम्भ होगी। इ्रारम्भ की जाएगी। यहां जलाशय के इर्द गिर्द प्राकृतिक आवास में रहने वाले वन्य जीवों को देखने की व्यवस्थाएं की जाएगी। इसके अलावा बैगा हाट बाजार को पुनः व्यवस्थित करते हुए आकर्षक बाउंड्रीवाल व वेटिंग रूम बनाये जाएंगे। साथ ही ओपन थियेटर व अन्य कार्यो की मरम्मत भी की जाएगी।
डीएटीसीसी और उपसमिति करेगी संचालन
कलेक्टर श्री मीना ने निर्देशन में बनी योजना के तहत पूर्व के अनुभवों को देखते हुए। इन सब के व्यवस्थित रूप से संचालन के लिए जिला पुरातत्व पर्यटन संस्कृति परिषद के अलावा एक उपसमिति को कार्य सौंपा जाएगा। लगमा में पूर्व में बनी वन समिति भी संचालन के कार्य करेंगी।