
Naxalites kept milllionns of rupees under the tree
रायपुर (ब्यूरो) । छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सलियों की काली कमाई का बड़ा खुलासा हुआ है ।पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई में मैनपुर थाना क्षेत्र के पंडरीपानी इलाके से 8 लाख रुपये नगद और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है ।इस ऑपरेशन में पहली बार महिला पुलिस बल ने भी सक्रिय भूमिका निभाई, जो नक्सल मोर्चे पर महिला शक्ति की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है।
महिला पुलिस बनी ‘एक्शन हीरो’
अब तक नक्सल विरोधी अभियानों में पुरुष जवानों की मौजूदगी आम बात थी, लेकिन इस बार गरियाबंद पुलिस ने महिला अधिकारियों को भी इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन का हिस्सा बनाया ।डीएसपी गरिमा दादर के नेतृत्व में एसटीएफ, कोबरा कमांडो, सीआरपीएफ और ई-30 ऑप्स टीम के साथ महिला पुलिस कर्मियों ने भी जंगल में घातक मिशन को अंजाम दिया।
जंगल में दफन था नक्सली खजाना
सूचना मिली थी कि पंडरीपानी के पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों ने भारी मात्रा में नगदी और विस्फोटक छिपा रखा है ।20 मार्च को सुरक्षा बलों की टीमों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया और करीब 11 बजे जंगल में संदिग्ध जगह की खुदाई करने पर एक स्टील डिब्बे में 8 लाख रुपये, 13 जिलेटिन स्टिक और नक्सली बैनर, डायरी व अन्य दस्तावेज बरामद किए।खुफिया सूत्रों के मुताबिक, माओवादी संगठन (धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन) इस पैसे का इस्तेमाल अपने नेटवर्क के विस्तार और विस्फोटक हमलों की योजना बनाने में कर रहे थे। लेकिन गरियाबंद पुलिस की मुस्तैदी से उनका यह षड्यंत्र ध्वस्त हो गया।
नोटों के स्रोत की जांच कर रही पुलिस
माओवादियों ने पंडरीपानी के पहाड़ी इलाके में 8 लाख नगद और विस्फोटक सामग्री छिपाए थे जिसे पुलिस ने बरामद किया है।सुबह जिला पुलिस, कोबरा बटालियन और CRPF की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। बीडीएस टीम की मौजूदगी में एक पेड़ के नीचे खुदाई की गई।सफेद बोरी में रखे बड़े टिफिन डिब्बे से नीली झिल्ली में लिपटे नगद बरामद हुए। इसके अलावा 13 जिलेटिन और नक्सली साहित्य भी मिला।गरियाबंद पुलिस को इस साल की शुरुआत से ही नक्सली मोर्चे पर कई सफलताएं मिली हैं। जनवरी में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में सेंट्रल कमेटी सदस्य चलपति समेत 17 नक्सली मारे गए।फरवरी में हथियार नष्ट किए गए और मार्च में तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस अब नोटों के स्रोत की जांच कर रही है।