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रीवा (पल्लवी तिवारी) । मऊगंज जिले में देवतालाब मुख्य मार्ग से करीब 5 किलोमीटर अंदर की ओर गड़रा गांव है। इस गांव में एक शक के चलते गांव के सनी उर्फ राहिल द्विवेदी की हत्या कर दी गयी। सनी को हमलावरों ने अधिया का हिस्सा देने के बहाने बुलाकर बंधक बना लिया था। सूचना मिलने पर पुलिस उसे छुड़ाने वहां पहुंची तो हालात बदल गए। आरोपियों ने पुलिस कर्मियों को दौड़ा- दौड़ा कर पीटा। पत्थर बरसाए। इस घटना में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। टीआई संदीप भारती के सिर पर गंभीर चोटें आई है। वहीं तहसीलदार कुमारे लाल पनिका समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हुए।वहीं आरोपियों ने सनी उर्फ राहिल द्विवेदी की भी पीट पीट कर हत्या कर दी।
शक में सनी की हत्या की
दरअसल इस वारदात के पीछे हमलावरों को शक है कि दो महीने पहले उनके परिजन अशोक कोल की हत्या सनी ने ही की थी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई नहीं की। हालांकि पुलिस का कहना है कि अशोक की मौत सड़क हादसे में हुई है।लेकिन हमलावर इसे मानने को तैयार नहीं है। आईजी साकेत पांडेय ने बताया कि जिस अशोक की मौत का बदला लेने सनी की हत्या की गई, उसकी मौत भैंस से टकराकर हुई थी। उसे जबरन हत्यारा बताते हुए सनी को बंधक बनाया गया।
गड़रा गांव पुलिस छावनी बना
गड़रा गांव में इस समय सौ से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात है। पूरा गांव एक तरीके से पुलिस छावनी में तबदील हो गया है। पेट्रोलिंग की जा रही है। गांव के अंदर बाहर के लोगों को जाने नहीं दिया जा रहा है। आईजी साकेत पांडे, कलेक्टर अजय श्रीवास्तव, एसपी रसना ठाकुर, गढ़ थाना प्रभारी अवनीश समेत करीब 100 जवान मौजूद थे। दो फायर ब्रिगेड और वज्र वाहन भी खड़े थे। सड़क पर पुलिस जवानों के अलावा कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था।
बीस संदेही गिरफ्तार
गड़रा गांव में करीब 250 घर हैं। पूरा गांव सघन बस्ती है। अधिकांश मकान आदिवासियों के हैं। गिनती के ब्राह्मण हैं। इनमें रजनीश द्विवेदी भी परिवार के साथ रहते हैं। हमलावर आदिवासी परिवार और रजनीश के घर की दूरी करीब 500 मीटर है। इस कांड में पुलिस ने 50 महिलाओं समेत 100 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की। पुलिस रातभर आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश देती रही। तड़के महेश और प्रयाग कोल पकड़ में आए। आरोप है कि महेश ने कुल्हाड़ी से पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। वहीं प्रयाग ने हिंसा भड़काने का काम किया था। बीस संदेहियों को गिरफ्तार कर पूछताछ जारी है।
चारो आरोपी छिपे थे
दो महीने पहले संदिग्ध हालत में मृत मिले अशोक के बेटे विनोद कोल उर्फ लाला और भाई रजनीश कोल को गिरफ्तार किया गया था। दोनों ने सनी को बंधक बनाकर मारपीट की थी, जिससे उसकी मौत हो गई। चारों आरोपी अलग अलग घरों में छिपे थे। पुलिस ने इनके खिलाफ नामजद एफआईआर भी दर्ज कर ली है।
अधिया का हिस्सा देने के बहाने बुलाया
पुलिस के मुताबिक गड़रा गांव में ही रहने वाले रजनीश द्विवेदी के पास एक एकड़ जमीन है। अशोक कोल को यह जमीन अधिया पर दी गई थी। अशोक के बेटे रजनीश और लाला कोल घर के बाहर किराने की दुकान चलाते हैं। सनी को बंधक बनाने के बाद रजनीश और लाला कोल ने दूसरे लोगों को बुलाया। शनिवार सुबह करीब 11 बजे दोनों ने सनी उर्फ राहिल को इसी दुकान पर अधिया का हिस्सा देने के बहाने बुलाया था। यहां उसे बंधक बना लिया।
पुलिसकर्मी जान बचाकर भागे
सनी को बचाने पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कहा बंधक युवक को हमारे हवाले करो। या फिर उसे दिखाओ। लेकिन तब तक सनी की हत्या हो चुकी थी। कुछ देर बाद पुलिस कमरे के अंदर घुसने की कोशिश की तो पुलिस पर डंडे और पत्थर से हमला बोल दिया गया। अचानक इस हमले से पुलिस वाले अपनी जान बचाकर भागे। इसके बाद पुलिस ने एसडीओपी अंकिता सूल्ये को काॅल किया। कुछ देर में फोर्स के साथ एसडीओपी अंकिता पहुंची। उनकी टीम में एएसआई रामचरण गौतम भी थे।
पुलिस पर हमलावरों ने पत्थर बरसाए
पुलिस को भगाने के लिए हमलावरों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिए। एसडीओपी अंकिता सूल्ये और एसआई आरती वर्मा ने खुद को एक मकान में बंद कर लिया। एएसआई रामचरण गौतम ने भागने की कोशिश की तो आरोपियों ने दूर तक पीछा किया। हैंडपंप के पास उनके सिर पर भारी पत्थर से हमला किया। जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए। एसडीओपी ने कंट्रोल रूम और एस.पी. रसना ठाकुर को फोन करके मामले की सूचना दी। रात करीब आठ बजे दो जिलों से करीब 100 से ज्यादा जवान गड़रा गांव पहुंचे। इसके बाद हमलावरों की धड़पकड़ शुरू हुई। घायलों का इलाज आर्शीवाद अस्पताल में चल रहा है।