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बालाघाट (ब्यूरो)। बालाघाट जिले में 16 हजार किसानों पर खाद बीज का कर्ज है। इनके कर्ज की राशि ही सौ करोड़ हो गयी है। जबकि जिले में कुल 640 करोड़ रुपए का कर्ज सहकारी बैंक का किसान ले रखे हैं। जिसमें से सिर्फ 270 करोड़ की वूसली हो सकी है। बैंक ने कर्जदार किसानों को अल्टीमेटम दे रखा है कि सभी कर्जदार किसान कर्ज जमा कर दें वरना उनकी संपत्तियां नीलाम की जाएगी। वैसे किसानों को 15 जून 2024 तक कर्ज जमा करने की अंतिम तिथि है। किसान यह मान कर चल रहे हैं कि सरकार उनके कर्ज आज नहीं तो कल माफ कर देगी। इसलिए किसान कर्ज जमा करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
बालाघाट में सहकारी केंद्रीय बैंक ने किसानों से कर्ज वसूली के लिए अभियान शुरू किया है। जिले के 16 हजार किसानों पर बैंक का 100 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। इन किसानों ने पिछले साल का कर्ज नहीं चुकाया है, जिससे यह राशि अब ओवर-ड्यू हो गई है।
किसानों को नोटिस जारी
बैंक ने सभी बकायादार किसानों को नोटिस जारी कर दिया है। बैंक के महाप्रबंधक आरसी पटले के निर्देश पर सहकारी समिति के कर्मचारी गांव-गांव जाकर मुनादी के जरिए कर्ज वसूली कर रहे हैं। बैंक ने चेतावनी दी है कि अगर किसान कर्ज नहीं चुकाते हैं, तो राजस्व विभाग और न्यायालयीन कार्रवाई के साथ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
रबी की कर्ज सीमा 155 करोड़
सरकारी योजना के तहत किसानों को खरीफ और रबी फसलों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज दिया जाता है। खरीफ कर्ज चुकाने की अंतिम तिथि 28 मार्च और रबी के लिए 15 जून है। बैंक ने पिछले खरीफ सीजन में 365 करोड़ और रबी में अब तक 120 करोड़ रुपए का कर्ज वितरित किया है। रबी की कर्ज सीमा 155 करोड़ है, लेकिन बैंक आवश्यकता पड़ने पर अधिक कर्ज देने को तैयार है।
640 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया
कुल मिलाकर जिले के किसानों पर फसल, खाद और बीज का लगभग 640 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। बैंक ने सहकारी समितियों के माध्यम से अब तक 270 करोड़ रुपए की वसूली कर ली है। शेष राशि की वसूली के लिए बैंक ने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है।
संपत्ति नीलामी की जाएगी
सहकारी केन्द्रीय बैंक महाप्रबंधक आरसी पटले बताते है कि जिले के 16 हजार ऐसे किसान हैं, जिन पर 100 करोड़ का ऋण बकाया है, जिन्हें 15 जून 2024 में ऋण जमा करना था। जिन्होंने अब तक ऋण जमा नहीं किया है। इसके चलते उन्हें नोटिस जारी किया गया है और अमला गांव-गांव जाकर भी उन्हें समझाइश दे रहा है।इसके बाद भी यदि वह ऋण जमा नहीं करते है तो कृष योजना के माध्यम से राजस्व विभाग और फिर न्यायालय से ऋण जमा कराने की कार्रवाई की जाएगी। जिसके बाद समझौता योजना के तहत ऋणी किसानों को एक और मौका दिया जाएगा। फिर भी यदि ऋणी किसान, ऋण जमा नहीं करते है तो उनकी संपत्ति नीलामी की जाएगी।