
Standing in the ganges and say 35 did not go to the stampedr
प्रयागराज (ब्यूरो)। मौनी अमावस्या के चलते प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़ बहुत बढ़ गयी। प्रशासन यह तो बता रहा है कि डुबकी लगाने वालो की संख्या अब तक 21 करोड़ हो गयी है। कल नौ करोड़ लोग पहुंचे। लेकिन प्रशासन भगदड़ से होने वाली मौत का आकंड़ा हादसे के 17 घंटे के बाद जारी किया कि 90 लोग घायल हुए हैं। 30 मौतें हुई है। 25 की पहचान हुई। भगदड़ की वजह क्यों हुई,इसके बारे में प्रशासन बचाने से बच रहा है।
गंगा में खड़े होकर कहो
विपक्ष कह रहा है कि गंगा में खड़े होकर कहो कि भगदड़ नहीं हुई।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए। महाकुंभ में आग लगने के बाद भगदड़ में अब तक 35 लोगों के मारे जाने की खबर है। अस्पताल में लाशों का ढेर लगा है। वहीं भगदड़ वाले स्थल पर लोगों के जूते चप्पल से लेकर उनके सामान बिखरे पड़े हैं। प्रशासन इस हादसे में मरने वालों के आंकड़े छिपाने में लगा है।
हादसा मंगलवार देर रात
प्रयागराज में बुधवार को 9 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे। लोगों के आने का सिलसिला जारी है। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने प्रयागराज में आने वाले 8 एंट्री पॉइंट को बंद कर दिया। प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर भगदड़ में मरने वालों की संख्या अब तक 35 से 40 हो चुकी है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ। भगदड़ उस वक्त मची जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान लिए इंतजार कर रहे थे। यह हादसा क्यों हुआ, इसकी वजह सामने नहीं आई है। राज्य सरकार ने भी इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
39 नंबर का टैग लगी डेडबॉडी को एंबुलेंस से अपने घर ले जाते परिजन
राष्ट्रमत के रिपोटर्र ने मेडिकल काॅलेज में देखा कि मेडिकल कॉलेज में 20 शव शव रखे गए थे। यहां आखिरी डेडबॉडी पर 40 नंबर लिखा हुआ था। इससे पहले मेडिकल कॉलेज में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए थे। फिर मेले से 8-10 एंबुलेंस से कुछ और शवों को लाया गया। इन्हें मिलाकर करीब 20 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। वे उन्हें लेकर चले भी गए हैं।रानी नेहरू हॉस्पिटल के पोस्टमॉर्टम हाउस पर एंबुलेंस के अंदर लाशों को रखा गया था। किसी एंबुलेंस में 2, तो किसी में 1 लाश थी। ये लाशें भगदड़ के शिकार लोगों की थीं। ऐसा वहां मौजूद कर्मचारियों ने भी बताया।
भगदड़ की वजह-
- अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई।
- संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
गंगा हर जगह पवित्र है-योगी
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी के कारण भगदड़ मची। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए।
मेला क्षेत्र नो.व्हीकल जोन घोषित
- भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में एंट्री करने वाले 8 पॉइंट-भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, मिजापुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है।
- पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। सभी व्हीकल पास रद्द कर दिए गए हैं। यानी मेले में एक भी गाड़ी नहीं चलेगी।
- रास्ते को वन-वे कर दिया गया है। एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है।
- शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। मेला क्षेत्र में यह व्यवस्था 4 फरवरी तक लागू रहेगी।
- यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा, ‘श्रद्धालु जहां जगह हो वहीं स्नान करें। जहां इतनी बड़ी भीड़ होती है, इतना बड़ा प्रबंधन होता है, ऐसी छोटी-मोटी घटना हो जाती है।
- प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर बुधवार देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।