
Congress engaged in election strategy before the code of conduct
रायपुर।चुनावी आचार संहिता लगने से पहले राजीव भवन में कांग्रेस की एक बैठक चल रही है। जिसमें छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस नेताओं और विधायकों की चर्चा हो रही है। साथ ही पार्टी से बगावत करने वाले और निष्कासित लोगों को पुनः वापस कांग्रेस में शामिल किये जाने पर मंत्रणा हो रही है। एक तरीके से पार्टी चुनावी रणनीति पर मंत्रणा कर रही है। वो हर हाल में निकाय चुनाव में अपनी सत्ता चाहती है।इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत कांग्रेस के तमाम विधायक शामिल हुए हैं। इसके अलावा AICC सचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी एसए सम्पत कुमार, सह-सचिव और सह प्रभारी विजय जांगिड़ सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए हैं।
चुनाव की रणनीति पर चर्चा
बैठक में नगरीय निकाय चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तैयार की जा रही है। इस दौरान, चुनाव प्रचार, जनसंपर्क अभियान, और बीजेपी की रणनीति पर पलटवार को लेकर चर्चा की जा रही है। साथ ही चुनाव मे मुद्दों को लेकर भी सभी विधायक पार्टी में अपनी बात रखेंगे।निकाय चुनाव को लेकर सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में एक्टिव होकर निकाय चुनाव की जिम्मेदारी सम्भालने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही, चुनावी अभियानों के लिए जरुरी फंड की व्यवस्था को लेकर भी बात की गई है।
मजबूत दावेदारों का चयन
जानकारी के अनुसार, बैठक में प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया पर भी विचार-विमर्श होगा। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला अध्यक्षों और पर्यवेक्षकों से वार्ड और मेयर प्रत्याशियों के लिए नामों का पैनल भेजने के निर्देश दिए है, ताकि विवादित सीटों में मजबूत दावेदारों का चयन किया जा सके।पार्टी में दावेदारों के नाम भी आ गए हैं। आचार संहिता के लगते ही लिस्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक पहुंचेगी।
जोगी कांग्रेस के विलय चर्चा
बैठक में जोगी कांग्रेस के विलय और पार्टी से निष्कासित और बागी नेताओं की वापसी के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। जिसमें पार्टी को मिले आवेदनों पर विचार किया जाएगा और फैसला किन नेताओं का निष्कासन रद्द किया जाए। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वापसी से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित न हो। बैठक में उन सभी बिन्दुओं पर मंत्रणा की जा रही है,जिससे पार्टी को नफा हो। उन लोगों की वापसी असंभव है जिनसे कार्यकत्र्ता नाराज हो सकता है। किनकी वापसी पर पार्टी को नफा हो सकता और किसे लाने पर नुकसान उसका भी आकलन किया जा रहा है। पार्टी यह मानकर चल रही है कि प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी है इसलिए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में पार्टी को इसका फायदा हो सकता है।