
ED arrested former ministers kavasi
रायपुर। शराब घोटाला कांड में छह दिन पहले ईडी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनका बेटा हरीश लखमा से पूछताछ के लिए बुलाया था। आज फिर कवासी को अपने सीए के साथ आने के लिए कहा।लेकिन वो अपने सीए को लेकर नहीं आये। तीसरी बार ईडी के दफ्तर पूछताछ के लिए कवासी को बुलाया गया था। कवासी को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उनका कहना था कि अमित शाह और मोदी के इशारे पर उनके खिलाफ फर्जी मामला बनाया गया है। वहीं 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ईडी ने ट्रिपल ए यानी आईएएस, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टर माइंड बताया है। कोर्ट में उन्हें पेश किया जायेगा। हालांकि उनके बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया है। ईडी रिमांड मांगेगी। माना जा रहा है कि तीन चार दिन का रिमांड कोर्ट ईडी को दे सकती है।
कोर्ट में पेश करने के दौरान कवासी लखमा ने कहा कि, मेरे पास से एक रुपए नहीं पकड़ा गया, ना ही कोई दस्तावेज मिला है। शाह, मोदी और पूरी बीजेपी सरकार फर्जी मामला बनाकर मुझे परेशान कर रहे। मैं बस्तर की आवाज उठाता रहूंगा।
सीए के साथ नहीं पहुंचे थे लखमा
ED के अधिकारियों ने आज कवासी को पूछताछ के लिए CA के साथ बुलाया था। लेकिन वे अकेले ही ED दफ्तर पहुंचे थे। लखमा ने बताया कि, उनके सीए बाहर हैं, इस वजह से वह नहीं आए हैं। लखमा अपने बेटे के साथ पहुंचे थे हालांकि उनके बेटे हरीश लखमा को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
देश कानून के हिसाब चलता है
इससे पहले 2 बार उनसे और उनके बेटे हरीश लखमा से 8-8 घंटे ED के अधिकारियों ने पूछताछ की थी। दफ्तर के अंदर जाने से पहले लखमा ने कहा कि, देश कानून के हिसाब चलता है, अगर कानून के हिसाब से बुलाएंगे, तो मैं 25 बार आऊंगा। ED के अधिकारी जो सवाल करेंगे, उसका जवाब दूंगा। उनका सम्मान करुंगा।
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को आयकर विभाग ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और पूर्व सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है। रायपुर का अनवर ढेबर अफसरों के साथ मिलकर अवैध रुप से सिंडिकेट चला रहा है। इस खुलासे के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 18 नवंबर 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया। ईडी ने अब तक 2161 करोड़ रुपये के घोटाले की चार्जशीट में जिक्र अदालत में किया है।
हरीश कवासी
ईडी ने X पर लिखा
ईडी ने X पर लिखा कि, छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 जगह तलाशी अभियान चलाया गया।ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में (पीओसी) प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी की अपराध से अर्जित आय के उपयोग से जुड़े सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है। इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।
ED ने ट्रिपल A को मास्टर माइंड बताया था
वहीं 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ED ने ट्रिपल A यानी IAS अफसर, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टर माइंड बताया था, जिसके बाद ACB इस मामले में अलग से कार्रवाई कर रही है। FIR में शामिल तथ्यों के आधार पर आपको बताते हैं कि किस तरह नया सिंडिकेट तैयार कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
कवासी को 2161 करोड़ कमीशन मिला
निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमिशन मिला है ।