
Cabinet expansion stir
रायपुर। सामान्य प्रशासन विभाग ने भाजपा नेता और वक्फ बोर्ड के प्रमुख डाॅ सलीम राज को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। मंत्रालय से इसे लेकर आदेश जारी हो गया। इसके बाद से भाजपा के कई सीनियर विधायकों को लग रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।वैसे राज्य में मंत्री बनने की आश कई विधायकों ने लगा रखा है।
मंत्री बनने की रेस में
माना जा रहा है कि यदि मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो जतिय संतुलन के तहत दो उपमुख्यमंत्री पहले से है। ऐसी स्थिति में अजय चन्द्राकर और अमर अग्रवाल के मंत्री बनने की संभावना ज्यादा है। फिर भी यह माना जा रहा है कि नये लोगों को मौका दिया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में मंत्री बनने की संभावना किरन देव सिंह,राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा और गजेन्द्र यादव आरएसएस से होने की वजह से इनकी संभावना ज्यादा है। विष्णु देव साय अपने मंत्रिमंडल का विस्तार यदि नगरीय निकाय चुनाव से पहले करते हैं तो राजनीति नफा नुकसान का भी आकलन करेंगे।पार्टी का बड़ा खेमा ये भी मान रहा है कि नए मंत्री बनाने की कोई हड़बड़ी नहीं है। प्रदेश में निकाय चुनाव सिर पर हैं। चुनावी जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद ही संगठन इस पर विचार बनाएगा कि मंत्रिमंडल में कौन जाएगा।
विरोध हुआ था सलीम का
सामान्य प्रशासन विभाग ने भाजपा नेता और वक्फ बोर्ड के प्रमुख डाॅ सलीम राज को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है। मंत्रालय से इसे लेकर आदेश जारी हो गया। बोर्ड के काम काज को लेकर सलीज राज पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं। मस्जिदों में तकरीर को लेकर दिए गए आदेश की वजह से जगह जगह उनका विरोध भी हुआ था।
प्रदेश कार्यालय में एक बैठक
पार्टी सूत्रों की माने तो 15 जनवरी के पहले साय मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावना है। खबर है कि सरकार में असल असमंजस विभागों के बंटवारे को लेकर हैं। वित्त विभाग, आबकारी विभाग, स्कूल शिक्षा ऐसे विभाग हैं जो नए मंत्रियों को दिए जाएं या पुराने मंत्रियों का जिम्मा बरकरार रहे, इसे लेकर विचार मंथन चल रहा है। 9 जनवरी यानी गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में एक बड़ी बैठक होनी है। इस बैठक में भी मंत्रिमंडल को लेकर बड़े नेताओं में बातचीत हो सकती है। सामंजस्य बना तो शपथ ग्रहण भी हो सकता है। हालांकि, शपथ ग्रहण को लेकर बहुत कुछ कहने से भाजपा के नेता फिलहाल बच रहे हैं। 10 से 12 जनवरी के आस-पास भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया संगठन को पूरी करनी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव अगर बदले गए तो फिर उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चर्चा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तय होने के बाद ही मंत्रियों को लेकर नई बातचीत संगठन में होगी।