
road-construction-hated due to fear of naxalites
बालाघाट (रफीक अंसारी)। बालाघाट में नक्सलियों की धमक अब भी है। यही वजह है कि यहां पुल,पुलिया या फिर सड़कों का निर्माण करने में ठेकेदार हाथ खड़े कर देते हैं। लांजी नक्सल प्रभावित विधान सभा क्षेत्र है। यही वजह है इसका असर यहां के विकास पर पड़ा है। पीएम ग्राम सड़क मार्ग के बोर्ड सब कहानी कह देते हैं। बोदलखा से धीरी मुरूम एवं सुलसुली से बोदलखा मार्ग की लंबाई 2.60 किलोमीटर है। इसका निर्माण ठेकेदार ने 6 अक्टूबर 2023 को शुरू किया था। 5 मार्च 2025 तक इसे बनाकर ठेकेदार को देना है। चित्रकूट कंस्ट्रक्शन दुर्ग का ठेकेदार है। मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई बालाघाट के तहत कार्य का निष्पादन किया जाना है। लेकिन नक्सलियों की दशहत से सड़क निर्माण ठप है।
वन विभाग ने सवाल नहीं उठाए
लांजी के सुलसुली से बोदलखा मार्ग में ठेकेदार ने कुछ दूरी तक समतलीकरण का काम किया है। लेकिन कार्य की गति बहुत धीमी है। ऐसा क्यों है,यह सवाल उठ रहा है। इस मार्ग के अलावा माताघाट बोदलखा मार्ग की भी यही स्थिति है। लंाजी विधान सभा में पुल पुलिया का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरे पड़े हैं। सीतापाला से टाटीकला कोसमदेही, सीतापाला से कट्टीपार तथा कट्टीपार से कांदरीकला मार्ग भी बंद पड़ा है। केवल समतलीकरण हुआ है। काम ठप है। सुलसुली से बोदलखा तक 04 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए ठेकेदार ने केवल मिट्टी बिछाया है। लेकिन वह भी अधूरा है। इस रास्ते में कुछ जगह पुलिया बनी है। लेकिन उसकी गुणवता ठीक नहंीं है। बावजूद इसके वन विभाग ने ठेकेदार के काम पर कोई सवाल नहीं उठाया।
नक्सलियों को कमीशन चाहिए
ठेकेदार ने काम बंद कर दिया है। वन विभाग ने ठेकेदार केा नोटिस भी नहीं दिया। जन चर्चा है कि ठेकेदार ने नक्सलियों के खौफ से काम बंद कर दिया है। दूसरी चर्चा है कि ठेकेदार की मनमानी के चलते वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने कार्य बंद करा दिया है। काम बंद होने की वजह क्या है कोई नहीं जानता। मौके पर देखने से यह कहना गलत नहीं होगा कि नक्सलियों को ठेकेदार ने कमीशन नहीं दिया इसलिए नक्सलियों ने काम बंद करा दिया है।
कई मार्गो का काम शुरू नहीं
यह मार्ग बन जाने से लंाजी, छत्तीसगढ़ औेर महाराष्ट्र से लगे गांव तक का सफर सुगम हो जाएगा।लांजी में कई स्थानों का अभी तक ठेकेदारों ने निर्माण काम शुरू तक नहीं किया है। उक्त सड़क निर्माण का कार्य छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की चित्रकूट कान्ट्रेक्शन कंपनी को मिला है। यह मार्ग घने जंगल और पहाड़ी क्षेत्र से होकर गुजरता है। जिसकी दूरी लगभग 22 किमी है। सड़क बने जाने से छत्तीसगढ़ के मलैदा गांव से जुड़ जाएगा। कार्य पूर्णताः मार्च 2025 तक है। परंतु वर्तमान में कार्य बंद है। इस मार्ग के बन जाने से बालाघाट जिले का धीरी गांव विकास को गति मिलेगी। सीतापाला टाटीकला से कोसमदेही मार्ग की भी वही स्थिति है। जिसकी लंबाई लगभग 14 किमी है। सन् 2025 तक पूर्ण होना है। इस सड़क का भी काम चित्रकूट कान्ट्रेक्शन कंपनी को मिला है। जो मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियांन्वयन ईकाई.01 बालाघाट द्वारा करवाया जा रहा है। यही स्थिति सीतापाला से कट्टीपार और कट्टीपार से कांदरीकला सड़क मार्ग की भी है। इस सड़क का टेंडर रायसिंह कंस्ट्रक्शन एंड कंपनी को मिला। जिसका वर्क आर्डर इस कंपनी को जनवरी 2023 में जारी हो चुका है। जाहिर सी बात है कि लांजी के ग्रामीण अंचलों मे विकास परकटे परिंदे जैसा है।