
Illegal encroachment is an excuse to be come a hindu leader
रीवा।(रमेश तिवारी ‘रिपु’)। मऊगंज के BJP MLA प्रदीप सिंह पटेल की सियासी ड्रामेबाजी से पूरी बीजेपी लस्त पस्त दिख रही है। वहीं देवरा गांव की जमीन पर मुस्लिम समुदाय को हटाने और कब्रिस्तान की बाऊंड्री को तोड़ने के पीछे बीजेपी विधायक प्रदीप सिंह पटेल की सियासी जिद ने सवाल खड़े कर दिये हैं।अभी चुनाव नहीं है। फिर वो कौन सी वजह है जो बीजेपी विधायक मुस्लिम समुदाय को देवरी गांव से खदेड़ने पर अड़े हैं। प्रशासन ने नोटिस की समय सीमा से पहले अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दिया हैं। जबकि हाई कोर्ट से स्टे मिल गया है। बुलडोजर न्याय करने लगा है सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी। एक नयी राजनीति आकार लेने के बाद सवाल यह है कि क्या अमहिया में भी बुलडोजर चलेगा।
हिन्दू वादी राजनीति
श्रीनिवास तिवारी जब तक राजनीति किये वो ब्राम्हण नेता कहे गए। कुंवर अर्जुन सिंह ठाकुर नेता। उसके बाद राजेन्द्र शुक्ला अपने आप को ब्राम्हण नेता कहलाने के लिए एक ब्राम्हण मंच का सहारा लिया। लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। विकास पुरुष तक ही सिमट कर रह गए। लेकिन प्रदीप सिंह पटेल ने मऊगंज के देवरा गांव में मंदिर की जमीन पर मुस्लिम समुदाय को हटाने की जो सियासी ड्रामा पिछले चार दिनों से कर रहे हैं,उसके पीछे अवधारणा है हिन्दूवादी नेता बनना। उनका साथ देने वाले संतोष तिवारी को मीडिया ने हिन्दूवादी नेता नाम दे दिया है। अब इस लड़ाई में मनगवां विधायक एन प्रजापति कूद पड़े हैं। वे कहते हैं हिंदुस्तान में वहीं रहेगा जो जय श्री राम बोलेगा। कब्रिस्तान की बाऊंड्री को हटाने बीजेपी विधायक राम को ले आए। कथित अतिक्रमण जमीन में साकेत,मुस्लिम और जनजाति के लोग रह रहे हैं।
अतिक्रमण हटाना शुरू
मऊगंज के देवरा महादेवन गांव में पिछले छह दिनों से मचे बवाल के बाद आखिर नोटिस की अवधि से पहले अतिक्रमण हटाने लगा है। देा ढाई सौ पुलिस कर्मी मौजूदहै। यहां कलेक्टर अजय श्रीवास्तव, एसपी रसना ठाकुर समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। प्रशासन ने बाउंड्रीवाल को गिराना शुरू कर दिया है। पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बीएनएस की धारा 163 लागू है। ताकि कोई अतिक्रमण हटाने में विंध्न न डाल सके।
एक सच एसडीएम का
हनुमना एसडीएम कमलेश पुरी कहते हैं देवरा महादेवन की मध्य प्रदेश शासन की 3.064 हेक्टेयर भूमि है। जिस पर अतिक्रमण है। इस अतिक्रमित भूमि के रहवासियों को 8 नवंबर को नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस 14 नवंबर को लोगों को तामील हो गया है। नोटिस की समय अवधि 29 नवंबर तक है। रीवा कमिश्नर वीएस जामोद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 15 दिन का नोटिस दिया गया है। कोर्ट ने भी इसे अवैध माना है। 29 नवम्बर के बाद कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में सावधानी बरतना जरूरी है। प्रशासन ने अपनी तरफ से कोई लापरवाही नहीं की है।
हाई कोर्ट से स्टे मिला
गांव देवरी में रहने वाले लोगों को प्रशासन की ओर से एक साल पहले नोटिस जारी किया गया। इसके बाद 32 लोगों ने हनुमना तहसील कोर्ट में याचिका लगाई थी। हनुमना तहसील कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद 3 सितंबर 2024 को 25 लोगों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हाईकोर्ट में इस मामले की पैरवी वकील देशराज कुशवाह ने की। उनका कहना है यहां के लोगों को जो पट्टा दिया गया है। वह सरकार ने दिया है। उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 248 के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती। जब तक पट्टा निरस्त नहीं होगा। प्रशासन और विधायक जो कर रहे हैं वह गलत है। नियम को ताक पर रखकर कार्रवाई बेजा है। इस मामले में 22 नवंबर को 10 लोगों की सुनवाई हुई। कोर्ट ने इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अभी स्टे लगा दिया है। फिलहाल आदेश की कापी आनलाइन अपलोड नहीं हुई।
शिवराज रहने के लिए घर दिये थे
देवरा गांव की 62 वर्षीय पार्वती साकेत कहती हैं पिछले 55 साल से हम यहां रह रहे हैं। सात साल पहले मेरे पति दुर्गा साकेत के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर भी मिला है। फिर विधायक हटाने में लगे हैं। गुड़िया साकेत के सास-ससुर पिछले 50 साल से यहां रह रहे हैं। खुद को रहते 35 साल हो गया। पति को प्रधानमंत्री आवास योजना का घर मिला है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह की ओर से पट्टा भी दिया गया है। मुख्यमंत्री रहने के लिए घर दिये हैं और विधायक हटाने की बात कर रहे हैं। यहां इस तरह रहने वालों की संख्या बहुत है।
साम्प्रदायिक रंग फैलाने की साजिश
BJP MLA नरेन्द्र प्रजापति कहते हैं यह हिंदुओं का देश है। यहां हिन्दू पूरी ताकत के साथ रहेगा। प्रजापति ने मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल का समर्थन करते हुए कहा अगर प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटाएगा तो जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी बनती है कि वे अतिक्रमण हटाए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। मऊगंज कांग्रेस जिलाध्यक्ष पदमेश गौतम कहते हैं मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण आज का नहीं है। वर्षों पहले से विवाद चला आ रहा है। अतिक्रमण हटाना प्रशासन का काम है, लेकिन यहां भाजपा विधायक खुद बुलडोजर लेकर पहुंच गए। मामले में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है। विधायक क्षेत्र में कोई काम नहीं करा पा रहे। नाकामी छिपाने के लिए सांप्रदायिक माहौल बना रहे हैं।
राजनीति का अंतिम दौर
बीजेपी विधायक प्रदीप सिंह पटेल इसके पहले बीएसपी में थे। नागपुर में संघ की ट्रेनिंग लेकर आने के बाद BJP की टिकट से विधायक और राज्यमंत्री बने। अब खाली हैं। अपनी राजनीति को लाइम लाइट में लाने मजहबी राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी के एक नेता ने कहा,हिन्दू वादी नेता बनने की यह नौटंकी कहीं प्रदीप सिंह पटेल का नुकसान न कर दे। राजेन्द्र शुक्ला किसी को उठने नहीं देते। कोई उनसे आगे या फिर बायें चलकर अपना सियासी वजूद दिखाने की कोशिश करता है,तो उसे किनारे कर देते हैं। अच्छा होगा कि प्रशासन को अपना काम करने दें। नहीं तो कुछ भी हो सकता है।