
मुंबई।(रमेश तिवारी ‘रिपु’)। महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में डेढ़ करोड़ मुसलमान वोटर की नजरें इनायत किधर होगी? यह सवाल चुनाव लड़ रही छह पार्टियों के सामने है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस,एनसीपी और उद्धव ने मुस्लिम वोटरों को मुंबई में तवज्जो नहंी दिया था। लेकिन विधान सभा चुनाव में जब से संघ ने डेढ़ सौ से ज्यादा कमेटी बनाकर बीजेपी का प्रचार कर रही है,ऐसे में मुस्लिम वोटर के रहनुमा भी एक हो गए हैं। और बीजेपी वोट जिहाद का नारा अलापने लगे है। येागी आदित्यनाथ का नारा कटेगे तो बंटेगे के जवाब में जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे का नारा चल रह है।
मुस्लिम नेताओं को टिकट नहीं
लोकसभा में मुस्लिम वोटर ने मोदी के चार सौ पार के नारे की हवा निकाल दिये थे। महाराष्ट्र की 48 सीट में बीजेपी नौ सीट पर ही थम गयी थी। जबकि वो हमेशा बीस सीट के आस पास रही। सवाल यह है कि मुस्लिम प्रत्याशी महाविकास अधाड़ी ने मुंबई में एक भी नहीं दिया था। फिर भी उसे खूब वोट मिले थे। देखा जाए तो महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता वाली सीट है मुंबई उत्तर मध्य। यहां मुस्लिम मतदाता 25 फीसदी से ज्यादा हैं। इसी तरह मुंबई दक्षिण मध्य सीट जहां पर 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। शिवसेना उद्धव ठाकरे ने मुस्लिम उम्मीदवार की जगह अनिल देसाई को टिकट दिया था। जिस 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता वाली अकोला लोकसभा से दो बार मुस्लिम सांसद रहा हो, वहां भी कांग्रेस ने मुसलमानों के हिस्सेदारी की बजाए अभय पाटिल को टिकट दिया था। लेकिन वो बीजेपी का पहिया नहीं रोक पाए। कभी रायगढ़ लोकसभा सीट से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुर रहमान अंतुले 4 बार सांसद चुने गए थे। वहां पर भी इंडिया गठबंधन ने मुसलमानों को किनारे कर दिया था। बावजूद इसके विधान सभा चुनाव में वोट जिहाद तपिश बढ़ रही है।
पुरानी रणनीति पर काम
लोकसभा चुनाव में हारने पर बीजेपी का आरोप था कि महाराष्ट्र में महायुति के कई उम्मीदवारों को मुस्लिम बहुल इलाके में एकतरफा वोट पड़ने से बीजेपी प्रत्याशी हार गए थे। बीजेपी के इस आरोप को विपक्ष ने एक सिरे से खारिज कर दिया था। अब इसकी सच्चाई सामने आ गई। मुस्लिम इलाकों में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान लोकसभा में कैसे हुआ? और एक तरफा महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों को वोट क्यों मिला? विधानसभा चुनाव में वही सियासी परिस्थिति दोहराए जाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसीलिए बीजेपी वोट जिहाद की बात कर रही है।
मुस्लिम बहुल इलाके में बैठकें
बताया जा रहा है कि मराठी मुस्लिम सेवा संघ और महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फोरम नाम की संस्थाओं ने लोकसभा की तरह अब विधानसभा में 180 से ज्यादा माइनारिटी से जुड़ी संस्थाओं का एक समूह बनाया है। इस समूह ने अब तक पूरे महाराष्ट्र में 200 से ज्यादा बैठकें की हैं।ये सारी बैठकें मुस्लिम बहुल इलाके जैसे मुंबई के गोवंडी, मानखुर्द, शिवाजी नगर, भिंडी बाजार, नागपाड़ा सहित धारावी,अणुशक्ति नगर जैसे मुंबई के इलाकों में हुई। इसके अलावा मुस्लिम बाहुल वाले जिले के विधान सभा और इलाके में हुई है। यही काम आरएसएस भी कर रहा है। वो हिन्दू वोटरों को जागृत कर रहा है।
सेक्युलर पार्टी को वोट करें
मराठी मुस्लिम सेवा संघ के प्रमुख फकीर अहमद का कहना है कि यह देखा गया है कि मुस्लिम बहुल इलाके में मुस्लिम समाज वोट करने कम निकलता है। इस बार उन्हें जागरुक किय जा रहा है मतदान के लिए।राज्य में सैकड़ों एनजीओ के माध्यम से यह काम किया जा रहा है। उन्हे बताया जाता है कि सेक्युलर पार्टी को वोट करें जो संविधान और देश की रक्षा के लिए काम कर रही है। जो समाज को बांटने की बात नहीं करती है। बीजेपी आपके इस काम को तो सीधे वोट जिहाद से जोड़ रही है क्योंकि आप सीधे तौर पर एक पार्टी या गठबंधन के खिलाफ लामबंद हो रहे है क्या गलत नहीं है? इसके जवाब में शाकिर शेख ने कहा कि बिल्कुल गलत नहीं है। लोगों को वोट डालने के लिए जागरूक करना वोट जिहाद नहीं है।
जागरूकता को वोट जिहाद न कहें
बीजेपी हमारे काम को क्या कह रही है, इसकी चिंता नहीं करते। वो वोट जिहाद कहते हैं तो कहें। हम तो मुस्लिम समाज को बता रहे हैं कि उनके वोट की अहमियत क्या है? उसके वोट से चुनाव के नतीजे पर कैसे असर पड़ता है। वोट के लिए जागरूक हम लोग कर रहे हैं तो इसे वोट जिहाद कैसे कह सकते हैं। जिहाद का मतलब संघर्ष होता है। इसको जिहाद से जोड़ना ठीक नहीं है। योगी और मोदी आखिर क्यों कहते हैं कटंेगे तो बंटेंगे। वो हिन्दू वोटर को एक होने की बात करते हैं तो हम मुस्लिम वोटरों को। हम गलत क्यों कहा जाता है।
लोकतंत्र के खिलाफ दंगा
फकीर अहमद ने दो टुक कहा कि हम सभी लोकसभा में भी इसी तरह काम किये थे। और मोदी जी के 400 पार के नारे को रोक दिया था। बीजेपी की सीट कम हुई। उसी तरह इस बार विधानसभा चुनाव में काम कर रहे हैं। महाविकास अघाड़ी को वोट देने के लिए कह रहे हैं। क्योंकि बीजेपी सांप्रदायिकता फैला रही है। वहीं बीजेपी के लोग कहते हैं हिन्दुस्तान में जिन्ना की सोच नहीं चलेगी। वोट जिहाद के जरिए एक तरीके से लोकतंत्र के खिलाफ दंगा फैलाने की साजिश की जा रही है। जाहिर सी बात है कि महाराष्ट्र के चुनाव समर में इस बार दो सेनाओं के बीच सियासी लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गयी है। वोट जिहाद से किसके खिलाफ परिणाम जाएगा और हिन्दू वोटर कैसी तस्वीर बनाता है।