
Rewa does not know how much fertilizer DM does not know,there is outcry for fertilizer
राष्ट्रमत न्यूज,रीवा(ब्यूरो)। मध्यप्रदेश के रीवा जिले में खाद नहीं है। डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला की प्रदेश में और केन्द्र में सरकार है। कायदे से उन्हें खाद की अलग से रैक मगवानी चाहिए। केन्द्रीय कृषि मंत्री उनके मित्र हैं। किसान रात को तीन बजे उठकर खाद के लिए लाइन पर लग रहा है। और डिप्टी सीएम दावा कर रहे हैं कि जिले का किसान खुश है। जिले में खाद है नहीं और डीएम प्रतिभा पाल समस्त एसडीएम को निर्देशित कर रही हैं उचित दर पर प्राइवेर्ट उर्वरक विक्रेताओं से खाद किसान को दिलाएं।मानो प्राइवेट विक्रेता इंतजार कर रहा था कि कब डीएम कहेंगी और वो किसानों को उचित कीमत पर खाद दे देगा।
कलेक्टर को पता भी नहीं
कलेक्टर प्रतिभा पाल डिप्टी CM राजेन्द्र शुक्ला की भाषा बोलने लगी हैं। कोमल शब्दों से किसान खुश हो जाएगा इसकी उम्मीद छोड़ दें DM। उसे खाद चाहिए। कोरी लफ्फाजी नहीं। उन्हें यही नहीं पता है कि रीवा जिले में कितने टन खाद की जरूरत है। उन्हें यह भी पता नहीं है कि जिले में कितने हेक्टेयर में फसल बोई गयी है। जो प्राइवेट दुकानदार खाद रखे भी हैं वो सरकारी रेट पर कैसे बेच देंगे। SDM एक -एक किसान को खाद कैसे दिलवाएंगे।कायदे से DM को खाद की रैक मंगवानी चाहिए।
सभी झूठे हैं अधिकारी
रीवा जिले में इस समय खाद की कमी से किसान परेशान हैं। खेतों में फसल लगाने का समय होने के बावजूद उन्हें जरूरी खाद नहीं मिल रही। वहीं अधिकारी डिप्टी CM राजेन्द्र शुक्ला की तरह दावा कर रहे हैं कि जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्धत है। यदि ऐसा है तो किसान रात भर एक बोरी खाद के लिए लाइन में क्यों लग रहा है।
दो दिन पहले कलेक्टर ने कहा
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने दो दिन पहले कहा था कि जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। लेकिन कभी.कभी कुछ स्थानों पर अस्थायी समस्या बन जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।अधिकारी क्या सोशल मीडिया में नहीं हैं। खाद के लिए गांवों की भीड़़ नहीं देख रहे हैं।कायदे से डीएम को नेता की भाषा में किसानों से बात नहीं करनी चाहिए।
कलेक्टर की भी सुन लें
कलेक्ट्रेट के बाणसागर सभागार से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले में खाद वितरण व्यवस्था की जानकारी लेते हुए कलेक्टर ने कहा कि निजी उर्वरक विक्रेताओं के यहाँ 900 मीट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता है।इसका शत.प्रतिशत विक्रय तीन दिवस में हो जाए। उन्होंने एसडीएम को निर्देशित किया कि वितरण की निगरानी के लिए एक केन्द्र में छरू अधिकारियोंए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाएं जो पूरे समय तक उपस्थित रहकर सुविधाजनक ढंग से निर्धारित दर पर किसानों को खाद का वितरण कराएं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।