
Election commission is not afraid of false allegations-EC
राष्ट्रमत न्यूज,नई दिल्ली(ब्यूरो)। चुनाव आयोग (EC) नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। विपक्ष के वोट चोरी और एक पार्टी के साथ सांठगांठ के आरोपों पर चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा- हमारे लिए न कोई पक्ष और न विपक्ष है। सभी राजनीतिक दल बराबर हैं।
भेदभाव कैसे कर सकता है
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले भारत के प्रत्येक नागरिक को मतदाता बनना चाहिए और मतदान भी करना चाहिए। आप सभी जानते हैं कि, कानून के अनुसार, प्रत्येक राजनीतिक दल का जन्म चुनाव आयोग में पंजीकरण के माध्यम से होता है। फिर चुनाव आयोग समान राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव कैसे कर सकता है?”
इलेक्शन कमीशन नहीं डरता
CEC ने कहा- अगर सही समय पर त्रुटि हटाने का आवेदन न हो और फिर वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह किया जाए तो ये लोकतंत्र का अपमान है। कुछ मतदाताओं ने वोट चोरी के आरोप लगाए, सबूत मांगने पर जवाब नहीं मिला। ऐसे आरोपों से इलेक्शन कमीशन नहीं डरता है।
त्रुटि सुधार के लिए SIR किया जा रहा
ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा कि वोट चोरी जैसे गलत शब्दों का प्रयोग सही नहीं है। देश में भारत के संविधान का अपमान किया जा रहा है। त्रुटि सुधार के लिए SIR किया जा रहा है। बिहार में सात करोड़ मतदाता चुनाव आयोग के साथ है। जिसका नाम मतदाता सूची में है वो ही वोट दे रहे हैं। चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर देश में राजनीति हो रही है। जनता का अपमान करना संविधान का अपमान है।
चुनाव आयोग चोरी में शामिल है
ज्ञानेश कुमार ने कहा- जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा हो तो हम स्पष्ट करते हैं कि चुनाव आयोग निडरता के साथ गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा समेत सभी धर्मों-वर्गों के लोगों के साथ चट्टान के साथ खड़ा है, खड़ा था और खड़ा रहेगा।दरअसल, राहुल ने 7 अगस्त को EC पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था, ‘वोट चोरी हो रहे हैं। हमारे पास सबूत है कि चुनाव आयोग चोरी में शामिल है। वे भाजपा के लिए ऐसा कर रहे हैं।’
भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही
उन्होंने कहा, “जमीनी स्तर पर सभी मतदाता, सभी राजनीतिक दल और सभी बूथ स्तरीय अधिकारी मिलकर पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं, सत्यापन कर रहे हैं, हस्ताक्षर कर रहे हैं और वीडियो प्रशंसापत्र भी दे रहे हैं।”मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और उनके द्वारा नामित बीएलओ के ये सत्यापित दस्तावेज, प्रशंसापत्र या तो उनके अपने राज्य स्तरीय या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे हैं या फिर जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करके भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।