
What to do at 12 oclock in the night of janmashtami
राष्ट्रमत न्यूज,नईदिल्ली(ब्यूरो)। जन्माष्टिमी पर्व बड़े उत्साह से महिलाएं और युवा लड़के छोटे बड़े शहरों में मनाते हैं। मटकी फोड प्रतियोगिता के साथ ही कई तरह की सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित होते हैं। बेहद जरूरी है यह जानना कि जन्माष्टिमी में बाल गोपाल के जन्म दिन पर क्या क्या करना चाहिए।
श्रीकृष्ण की विधि विधान पूजा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात्रि 12 बजे धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन श्रीकृष्ण की विधि विधान पूजा करते हैं और उन्हें तरह-तरह की चीजों का भोग लगाते हैं। इस दिन रात्रि की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि कन्हैया का जन्म आधी रात में हुआ था। इसलिए ही भक्त जन्माष्टमी की रात में श्रीकृष्ण का अभिषेक करते हैं और उनके जन्म का उत्सव मनाते हैं। यहां हम आपको बताएंगे जन्माष्टमी की रात में क्या-क्या किया जाता है।
- रात 12 बजे भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएं।
- पंचामृत स्नान के बाद स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
- इसके बाद भगवान का श्रृंगार करें।
- मंदिर में घी का दीपक जलाएं।
- इसके बाद ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
- “नन्द के आनंद भयो” गीत गाएं और शंख-घंटी बजाकर भगवान के जन्म की खुशी मनाएं।
- भगवान को भोग अर्पित करें।
- उन्हें झूला झुलाएं।
- माखन-मिश्री, पंजीरी, खीर, पेड़ा, ताजे फल इत्यादि चीजों का भोग अर्पित करें।
- इसके बाद परिवार सहित कान्हा की आरती करें।
- अंत में पूजा में शामिल सभी लोगों को चरणामृत और प्रसाद बांटें।
- खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
- कई जगहों पर जन्माष्टमी की रात 12 बजे खीरे को काटने की परंपरा निभाई जाती है। इस रस्म को बाल गोपाल के जन्म का प्रतीक माना जाता है।