
Firdt of all,the commissioner system ,collector right will be implemented in raipur
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वतंत्रता दिवस पर कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोंषणा की। सबसे पहले रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। कलेक्टर जैसे अधिकार होंगे। इसके लिए सेटअप लगभग तैयार हो चुका है। 62 पुलिस अफसर रहेंगे इससे पुलिस.व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। निर्णय लेने में सरलता होगी। चूंकि रायपुर में अपराध में अचानक से तेजी आ गयी है। इस साल अब तक पचास से अधिक मर्डर हो चुके हैं।वैसे भी रायपुर की आबादी तेरह लाख से ऊपर है। इसलिए प्रदेश में लंबे समय से कमिश्नर प्रणाली लागू करने की चर्चा चल रही थी। अब इसे लागू करने का निर्देश सार्वजनिक कर दिया गया है। सरकार किसे पुलिस कमीश्नर बनाती है इस पर अभी से चर्चा होने लगी है। दस लाख से ऊपर जिस शहर की आबादी होगी वहां कमीश्नर प्रणाली लागू किया जाएगा। रायपुर के बाद बिलासपुर,उसके बाद दुग आदि का नम्बर आयेगा।
कमिश्नर प्रणाली सबसे पहले रायपुर में
10 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले में कमिश्नर प्रणाली लागू की जाएगी। साय सरकार में सत्ता आते ही कैबिनेट बैठक के बाद इस चर्चा का दौर शुरू हो गया था। इस योजना से पुलिस के अधिकारों की संख्या में इजाफा होगा।साय सरकार कमिश्नर प्रणाली सबसे पहले रायपुर में शुरू करेगी। पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। रायपुर के बाद बिलासपुर, दुर्ग, समेत अन्य जिलों में इसे शुरू किया जाएगा।
रायपुर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए कैबिनेट मीटिंग में चर्चा हुई थी।
सीधे कार्रवाई के अधिकार
इस व्यवस्था में सीनियर पुलिस अधिकारियों को दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सीधे कार्रवाई के अधिकार मिलते हैं। इससे अपराधियों पर तुरंत कार्रवाई और रोकथाम संभव होगी। प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने से लेकर अपराध नियंत्रण तक, फैसले लेने में पुलिस स्वतंत्र होगी।
पुलिस के अधिकार बढ़ेंगे
कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर पुलिस के अधिकार बढ़ेंगे। कानून-व्यवस्था से जुड़े अधिकांश मामलों में पुलिस कमिश्नर खुद निर्णय ले सकेंगे। इससे वे फाइलें, जो अब तक कलेक्टर के पास लंबित रहती थीं, सीधे पुलिस स्तर पर निपटाई जा सकेगी।इस व्यवस्था के तहत एसडीएम और एडीएम के पास मौजूद कार्यकारी मजिस्ट्रेट शक्तियां भी पुलिस को मिल जाएगी। इससे पुलिस बिना कलेक्टर की अनुमति के शांति भंग की आशंका में हिरासत, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका जैसी धाराएं लागू कर सकेगी।
अपराध की संख्या में इजाफा
रायपुर जिले में अपराध की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। जिले में जनवरी से लेकर अब तक लगभग 6 हजार से ज्यादा केस दर्ज हुए है। जनवरी 2025 से अब तक 50 से ज्यादा मर्डर हुए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें 95 फीसदी मामलों में आरोपी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। चाकूबाजी के 65 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।
क्या होंगे प्रमुख फायदे
इस प्रणाली में पुलिस को आपात स्थितियों में तुरंत कार्रवाई की शक्ति मिलती है। होटल, बार और हथियारों के लाइसेंस जारी करने, धरना-प्रदर्शन की अनुमति, दंगे में बल प्रयोग और जमीन विवाद सुलझाने तक के निर्णय पुलिस स्तर पर लिए जा सकते हैं।कमिश्नर को कलेक्टर के कई अधिकार मिलते हैं और वे मजिस्ट्रेट की तरह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सकते हैं। कानून के नियमों के तहत दिए गए अधिकार उन्हें और भी प्रभावी बनाते हैं।