
954 old case resolved in national lok adalat
बालाघाट। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्राणेश कुमार प्राण के मार्गदर्शन में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। न्यायाधीश श्री प्राण द्वारा नेशनल लोक अदालत के लिए समस्त विभागों के अधिकारी, समस्त न्यायाधीशगण की बैठक ली जाकर आवश्यक दिशा-निर्देंश देकर समय-समय पर प्रोत्साहित किया गया एवं निरंतर समीक्षा भी की गई। जिसके परिणामस्वरूप नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया जा सका।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री पदमेश शाह, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी एक्ट) श्री रघुवीर प्रसाद पटेल, जिला न्यायाधीश श्री गौतम सिंह मरकाम, मुख्य न्यायिक मजिस्टे्र्ट श्री मनीष सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री सतीश शर्मा एवं अन्य न्यायाधीशगण एवं गणमान्य अतिथिगण की उपस्थिति में किया गया।
स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन
नेशनल लोक अदालत में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण द्वारा जिला न्यायालय बालाघाट में लोक अदालत के आयोजन के दौरान भ्रमण कर मौके का अवलोकन किया गया। साथ ही जिला न्यायालय परिसर में जिला आयुष विभाग के सहयोग से स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन भी किया गया है जिसमें पक्षकारगण, अधिवक्तागण एवं कर्मचारीगण का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाईओं का वितरण किया गया है। उक्त के अतिरिक्त जिला न्यायालय परिसर में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के सहयोग से दिव्यांगजन/हितग्राहियों को व्हील चेयर का वितरण किया गया।
पैरालीगल वालंटियर्स उपस्थित रहे
कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय पदमेश शाह, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी एक्ट) रघुवीर प्रसाद पटेल, प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौतम सिंह मरकाम, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेट, अविनाश छारी, श्रीमती तारा मार्को, श्रीमती शिखा शर्मा, शुभम जैन, श्रीमती शिनी जैन, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जीतेन्द्र मोहन धुर्वे एवं समस्त बैंक, बीमा, पुलिस विभाग के अधिकारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायालय के कर्मचारीगण एवं पैरालीगल वालंटियर्स उपस्थित रहे।
11677555 का अवार्ड पारित हुआ
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला न्यायालय बालाघाट में 18 खण्डपीठ का गठन किया गया। जिसमें सिविल न्यायालय बैहर के लिए 03 खण्डपीठ, कंटगी के लिए 01 खंडपीठ, लांजी के लिए 1 खंडपीठ तथा सिविल न्यायालय वारासिवनी के लिए 05 खंडपीठों का गठन किया गया है। इस प्रकार संपूर्ण जिले में 18 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया न्यायालयों में लंबित विभिन्न प्रकृति के प्रकरणों में आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक/मनी रिकवरी संबंधी मामलें, एम.ए.सी.टी. प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण एवं जल कर/विद्युत चोरी सहित शमनीय प्रकरण और दीवानी इत्यादि विभिन्न प्रकृति के महत्वपूर्ण मामले रखे गये। इसके अलावा प्री-लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) के अंतर्गत बैंक रिकवरी संबंधी मामले तथा विद्युत एवं जल कर/बिल संबंधी (सिर्फ शमनीय प्रकरण), आपराधिक शमनीय प्रकरण, वैवाहिक प्रकरण, दीवानी इत्यादि सभी प्रकार के मामले लोक अदालत में निराकरण हेतु विचारार्थ रखे गये। प्री-लिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) प्रकरणों में 954 प्रकरणें का निराकरण होकर 963057 का अवार्ड पारित हुआ तथा लंबित प्रकरण (न्यायालयों द्वारा रैफर प्रकरण) में 267 प्रकरणों का निराकरण होकर 11677555 का अवार्ड पारित हुआ।