
80 year -old building was also protested
बालाघाट। सागर जिले में हुए हादसे से सबक लेते हुए बालाघाट में भी नगरीय प्रशासन ने चिन्हित जर्जर भवनों को जमींदोज करने की ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की थीं। छह महीने के लंबे अंतराल के बाद नपा ने ऐसे भवनों को अब दोबारा ढहाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को मुख्य बाजार रोड पर श्री पार्श्वनाथ भवन के सामने 80 साल पुराना जर्जर भवन ढहा दिया गया। इतना ही नहीं, नगरपालिका ने शहर में और 20 जर्जर भवनों के मालिकों को नोटिस दिया हैं।
छह साल में 21 लोगों को नोटिस
आने वाले दिनों में और भी जर्जर भवन ढहाए जाएंगे। हालांकि एक भवन को ढहाने में नगर पालिका को छह साल का वक्त लग गया। इसके लिए नपा ने भवन मालिक को छह साल में कुल 21 नोटिस दिए हैं। जिस पर मंगलवार को अमल हुआ। इस कार्रवाई के दौरान गुजरी बाजार यराजघाट चैक और कालीपुतली चैक से आने जाने वाले वाहनों को बैरिगेट लगाकर रोक दिया गया। बुलडोजर चलाकर भवन ढहाने के दौरान मौके पर जमा भीड़ को हटाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत भी करनी पड़ी। इस दौरान नगर पालिका अमला राजस्व और पुलिस विभाग का अमला मौजूद रहा।
किरायेदारों ने किया विरोध
मेन रोड पर जर्जर भवन को गिराने के बाद बहस की स्थिति निर्मित हुई। जिस भवन को गिराया गया, उससे जुड़े दो बड़े दरवाजे, दो छोटे कीवाड़ों का एक ओर भवन भी है। इस भवन के लिए नपा ने नोटिस दिया है। लेकिन यहां रहने वाले किरायादारों का कहना है कि इस भवन का मामला न्यायालय में चल रहा है। जिसके चलते नपा ने उस भवन को गिराने की कार्रवाई नहीं किया। लेकिन किरायदार इस बात को लेकर बहस करने लगे कि उनके मकान को कोई क्षति न पहुंचे। इतना ही नहीं, किरायादारों ने उनकी बगैर मर्जी के ताला तोड़े जाने की बात कहकर कार्रवाई का जमकर विरोध किया। इससे काफी देर तक कार्रवाई बाधित रही। इसके बाद कोतवाली थाना प्रभारी प्रकाश वास्कले, भरवेली थाना प्रभारी एसआइ कमलेश यादव ने बल की मदद से किरायेदारों को बाहर निकाल कर उन्हें समझाइश दी। इसके बाद भवन ढहाने की कार्रवाई की गई।
चार दिन पहले भी मिला था नोटिस…
प्रशासन ने जिस 80 साल पुराने भवन को ढहाया, वह कांकरिया परिवार की संपत्ति बताई गई है। यह करीब 80 साल पुराना है। जिसमें कोई नहीं रहता था। लेकिन उससे लगे भवन में किरायादार रहते हैं। भवन जर्जर है। इसलिए किसी दुर्घटना की संभावना को देखते हुए नपा ने ये कार्रवाई की है। इसे लेकर नपा ने भवन मालिक को 06 साल में 20 से अधिक बार नोटिस दिए।चार दिन पूर्व भी नोटिस दिया गया था। इसके बाद मंगलवार को कार्रवाई की गई है।