
6 accused including ranu soumya will stay in jail one more night
राष्ट्रमत न्यूज,रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाला और डीएमएफ घोटाला केस में गिरफ्तार 6 आरोपियों की रिहाई अब कल 31 मई को होगी। इनमें रानू साहू,समीर विश्नोई,रजनीकांत तिवारी, वीरेन्द्र जायसवाल,संदीप नायक और सौम्या चैरसिया है। सभी की रिहाई आज ही होनी थी लेकिन बताया जा रहा है कि रिहाई आदेश रायपुर जेल में देर से पहुंचा है।
आरोपी छत्तीसगढ़ में नहीं रहेंगे
छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। दावा है किए कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए आनलाइन मिलने वाले परमिट को आफलाइन कर दिया गया था।जस्टिस सूर्यकांत ने सभी आरोपियों को गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई है। ऐसे में आरोपी बाहर निकलते ही छत्तीसगढ़ से भी बाहर रवाना होंगे। सुप्रीम कोर्ट से इन आरोपियों को जमानत मिली है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकार दत्ता की डबल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की थी।
बाहर रहने पर पता थाने में देना होगा
सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के मामले में, यह निर्देश कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे, वे आवश्यकतानुसार जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहेंगे।ये भी निर्देश है कि वे अपनी रिहाई के 1 सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने के पते पेश करें। उन्हें अपने रहने के स्थान की जानकारी भी अधिकार क्षेत्र के थाने में देना होगा।कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा करें, वे जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।”
570 करोड़ से ज्यादा का है कोल स्कैम
ED का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कोयले में घोटाला किया गया है। इस मामले में 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईडी का आरोप है कि कोयले के परिचालन, ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन करने समेत कई तरीकों से करीब 570 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली की गई है। छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था। दावा है कि, कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था।