
300 year old stepwell cleaned
बालाघाट। जल गंगा संवर्धन अभियान से एक ओर पानी की महत्ता लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं किसी भी तरीके से पानी को पानीदार बनाए रखने की दिशा में काम किये जा रहे हैं। जिस बावड़ी को बालाघाट के लोग भूल चुके थे। उस ओर लोगों का ध्यान गया। उसकी देख रेख के साथ ही उसकी सफाई को जरूरी समझा गया। किसी जमाने बावड़ी को बड़ा महत्व दिया जाता था।जल संचय के लिए। अब उसकी जगह पानी टंकी और अन्य साधन उपलब्ध हो गए हैं,फिर भी बावड़ी का महत्व अपनी जगह है। इसकी तुलना किसी और चीज से नहीं की जा सकती।
पानी बचाने अभियान
लांजी तहसील में पुराने राम मंदिर परिसर में करीब 300 वर्ष पुरानी बावड़ी है। जिसकी सफाई की ओर लोगों का ध्यान गया। यह बावड़ी करीब 45 फीट गहरी है। 15 फीट गोलाई है। इसके अंदर की गंदगी को साफ कर स्वच्छता के महत्व का संदेश दिया गया है। साथ ही एक बावड़ी दर्जनों हैण्ड पंप को जिंदा रख सकती है। कलेक्टर मृणाल मीना के निर्देशन में जिले में बोरी बंधान,तालाबों की साफ सफाई अभियान,हैण्ड पंप के समीप सोखता गड्डा बनाए जा रहे हैं। ताकि गरमी में सब को पानी मिलता रहे।