
220 votes were cast in fevor of one country one election
नई दिल्ली (ब्यूरो)। केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघावाल ने लोकसभा के पटल पर एक देश एक चुनाव बिल पेश किया। इस बिल पर अलग अलग पार्टी के विपक्षी सांसदों ने अपनी राय जाहिर की। कई पार्टियों के सांसदों ने इस पर आपत्ति की। जिससे बिल दोबारा संसद के पटल पर पेश किया गया। बिल को लेकर इलेक्ट्रानिक वोटिंग हुई। कुल 369 सदस्यों ने वोट डाला। इसमें पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े। कोई भी सांसद गैर हाजिर नहीं रहा।
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा
अमित शाह ने सदन में कहा कि बिल जब कैबिनेट में आया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजना चाहिए। कानून मंत्री ऐसा प्रस्ताव कर सकते हैं। विरोध के विरोध में सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन बिल, बीजेपी की देश में तानाशाही लाने की कोशिश है।घवाल ने केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े 3 कानूनों में संशोधन का बिल भी पेश किया। इसमें द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट- 1963, द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली- 1991 और द जम्मू एंड कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट- 2019 शामिल हैं। इसके जरिए जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए भी संशोधन किया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोटिंग
एक देश, एक चुनाव बिल दोबारा प्रतिस्थापित कराने के लिए पहली बार इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोटिंग हुई। इसमें पक्ष में 220 तो विरोध में 149 वोट पड़े। कोई भी सांसद गैर-हाजिर नहीं रहा। कुल 369 सदस्यों ने वोट डाला। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर उनको ऑब्जेक्शन है तो पर्ची दे दीजिए। इस पर स्पीकर ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि अगर किसी सदस्य को लगे तो वह पर्ची के जरिए भी अपना वोट संशोधित कर सकता है।
जितने दिन चाहेंगे, चर्चा के लिए देंगे- ओम बिरला
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहले भी सारी व्यस्था दे दी है। पुरानी परंपरा भी बता दी है। मंत्रीजी ने भी कह दिया है कि जेपीसी गठित होगी। जेपीसी के समय व्यापक चर्चा होगी और सब दल के सदस्य होंगे। जब बिल आएगा तो सबको पूरा समय दिया जाएगा और डिटेल चर्चा होगी। जितने दिन आप चर्चा चाहेंगे, उतने दिन का समय दिया जाएगा।
किसने क्या कहा-
बिल पेश होने से पहले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है। भारत राज्यों का संघ है। आप विधानसभाओं का कार्यकाल कम नहीं कर सकते। संघवाद का मूलभूत सिद्धांत है कि संविधान में केंद्र और राज्य बराबरी के हकदार हैं। आप राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को संसद के कार्यकाल के अधीन कैसे कर सकते हैं?
वहीं, शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि एक देश, एक चुनाव पावर को सेंट्रलाइज (केंद्रीकृत) करने जैसा है। लोकसभा में संविधान पर दो दिन चर्चा हुई, राज्यसभा में अभी भी चल रही है। ऐसे में संविधान पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है। चुनाव प्रक्रिया में छेड़छाड़ करके केंद्र सरकार अपनी ताकत और बढ़ाना चाहती है।
बिल से क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी-ओवैसी
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एक देश, एक चुनाव बिल अप्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र की राष्ट्रपति शैली लाएगा। इससे क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी। गौरव गोगोई बोले- बिल से चुनाव आयोग को अवैध शक्तियां देगा
असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि यह विधेयक चुनाव आयोग को राष्ट्रपति को सलाह देने की अवैध शक्तियां देता है। वहीं, IUML नेता ईटी मोहम्मद बशीर और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता अनिल देसाई ने बिल का विरोध किया।
प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी
बिल पेश होने से पहले केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने कहा कि आजादी के बाद से चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभाओं के 400 से ज्यादा चुनाव करा चुका है। अब हम एक देश, एक चुनाव का कॉन्सेप्ट लाने जा रहे हैं। एक हाईलेवल कमेटी इसका रोडमैप बना चुकी है। इससे प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी, चुनाव संबंधी खर्च में कमी आएगी और नीतिगत निरंतरता को बढ़ावा मिलेगा।