
बालाघाट (ब्यूरो )। भाजपा द्वारा चुनावीकाल में किसान हित में किये गये वादे को लेकर इन दिनो पूरे प्रदेश भर में धान पर घमासान मचा हुआ है। जहां विपक्षी राजनैतिक संगठनो व किसानो के द्वारा लगातार सरकार से गुजारिश की जा रही है कि किसानो को समर्थन मूल्य पर धान का 3100 रूपये दाम दिया जाये। लेकिन अभी तक सरकार ने अपने वादे को पूरा नही किया है। लिहाजा किसानों की आवाज को बुलंद करते हुए विपक्षी दल और किसान संगठन लगातार सरकार को घेर रहे है और कांग्रेस ने आगामी 16 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करने का मन भी बना रखा है। सबसे अपील है कि किसानों के सम्मान में 10 को बालाघाट बंद का समर्थन करें.
धान खरीदी केंद्रों में हड़ताल
बालाघाट जिले में भी किसान गर्जना संगठन के बेनर तले जिले के किसानो ने अभी तक शांतिप्रद तरिके से प्रदर्शन किया है और सरकार को मनाने का भरकस प्रयास किया है। जहां किसानो के द्वारा धान खरीदी हेतू प्रशासन की ओर से निर्धारित किये गये खरीदी केंद्रो में हड़ताल की जा रही है और किसान 2300 रूपये मूल्य पर अपनी उपज बेचने से कतई तैयार नही है, वे 2300 में शासन को धान बेचने से साफ इंकार कर रहे है। लेकिन विरोध की ज्वाला अब धीरे धीरे बडे आंदोलन का रूप ले रही है। जहां किसानो ने अपनी सहमति देते हुए किसान गर्जना संगठन के बैनर तले 10 दिसंबर को बालाघाट बंद की घोषणा कर दी है।
सरकार मांगों पर ध्यान नहीं दी
किसानो की उपस्थिति में प्रेसवार्ता का आयोजन कर किसान गर्जना संगठन के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद चौधरी ने बताया कि हमने किसानों के साथ मिलकर सरकार से काफी आवेदन-निवेदन किया और 08 दिन का अल्टीमेटम भी दिया था। लेकिन सरकार हमारी मांगो पर कोई सुनवाई नही कर रही है और अभी तक कोई रिजल्ट भी सामने नही आया है। इसलिये अब 10 दिसंबर को सुबह से लेकर शाम तक जिला बंद का आव्हान किया जा रहा है। जहां बंद प्रदर्शन के दौरान कालीपुतली चौक से आम्बेडकर चौक होते हुए रैली निकाली जायेगी और पीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जायेगा। इस दौरान आवश्यक सेवाओं का छूट रहेगी, बाकि सभी प्रतिष्ठान बंद रहेगें।
किसानों के सम्मान में 10 को बंद
बद के आव्हान को लेकर संगठन के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद चौधरी ने तीखी टिप्पणी करते हुए अपील की है कि यह बंद आव्हान किसान हित में किया जा रहा है, क्योकि बात किसानों के सम्मान की है। उन्होने सभी राजनैतिक संगठनो, पदाधिकारीयो, विधायको, व्यापारियों, छोटे व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालको, वकीलों , बस ट्रांसपोर्ट संचालको,ऑटो संचालको समेत सभी वर्गो से सहयोग की अपील की है। यहां किसानो के सम्मान की बात करते हुए अरविंद चौधरी ने कहा कि- ”जो अन्न खाते है…वे बंद में समर्थन दे…! यदि कुछ और खाते है, तो फिर वे स्वतंत्र है।” क्योकि हमारा संगठन संयम व नियम से चलने वाला संगठन है। जबरदस्ती प्रतिष्ठान बंद करवाना, उपद्रव फैलाना या कुंठित राजनीति कर सियासी प्रहार करना हमारे संगठन का मकसद नही है। संगठन पूरी गाईड-लाईन से चल रहा है और पूरे कायदे में रहकर काम करेगा। चौधरी ने बताया कि उन्हे अभी खुले तौर पर सिर्फ सरपंच संघ व राईस मिलर्स व कांग्रेस के कुछ नेताओं का समर्थन मिला है। बहरहाल उन्होने सभी वर्गो से बंद में सहयोग की अपील की है। देखना होगा कि किसान हित में यह बंद आव्हान कितना सफल होता है और इसका सरकार पर क्या फैक्ट पड़ता है।