
2 Days later , man eating tifer in clutches
बालाघाट। बीते शनिवार की सुबह बालाघाट जिले की कटंगी रेंज के कुडवा में खेत में काम कर रहे किसान प्रकाश को बाघ ने अपना निवाला बना लिया था। इस घटना से गांवों वालों में वन विभाग के प्रति आक्रोश था। वन अमला लगातार बाघ के मूमेंट पर नजर बनाए हुए था। आदमखोर हो चुके बाघ को रेस्क्यू किये जाने की योजना वन विभाग ने बनाया। और दो दिन बाद वन अमला बाघ का रेस्क्यू करने में कामयाब हुआ।
इसलिए बाघ का रेस्क्यू हुआ
ग्राम कुड़वा में वन विभाग एवं प्रशासनिक टीम ने संयुक्त रूप से आदमखोर बाघा का रेस्क्यू आपरेशन चलाया। इसलिए कि आदमखोर बाघ प्रकाश को मार कर खाने के बाद एक बार फिर उसके खेत में बने झोपड़ी तक आया था। वहां उसे बकरी मिली। जिसे मार कर खा गया था। ऐसा ग्रामीणों का कहना था। वन विभाग के अधिकारियों को यकीन हो गया कि वहां बकरी थी,यदि वहां कोई आदमी होता तो उसकी जान न बचती। इसलिए इस बाघ का रेस्क्यू करना जरूरी है।
बाघ का सक्रियता चिन्हित की गयी
आदमखोर बाघ का पहले उसकी सक्रियता को चिन्हित किया गया। यह देखा गया कि वो ज्यादातर किस क्षेत्र में अधिक सक्रिय है। बाघ के क्षेत्र को चिन्हित करने के बाद उसका रेस्क्यू करने की योजना बनी। उसके बाद बाघ को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया। उसके बाद बाघ को सुरक्षित रूप से वन क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया।
मृतक की पत्नी को 8 लाख मिला
रेस्क्यू आपरेशन के दौरान टीम ने पूरी सावधानी और सजगता के साथ कार्य करते हुए ग्रामीणों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। वन विभाग पुलिस प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन की तत्परता से क्षेत्र में जनसुरक्षा सुनिश्चित हुई है। वही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सम्बंधित वनकर्मियों को क्षेत्र में गश्त, निगरानी एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। वन्य प्राणी के हमले से हुई मृत्यु के मामलें में मृतक की पत्नी प्रमिला पाने को वन विभाग की ओर से 8 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी गयी है।