
15 % of the time waste to fight fake news during operation sindoor
राष्ट्रमत न्यूज,नई दिल्ली (ब्यूरो)। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चैहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना का 15 फीसदी वक्त फर्जी खबरों का मुकाबला करने में बर्बाद हो गया।सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का मुकाबला करना एक बड़ी चुनौती है। और भारतीय सेना को भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ऐसे ही चैलेंज से दो चार होना पड़ा। देश के लगभग सभी न्यूज चैनल में फर्जी खबरों की वजह से हमने संतुलित रवैया अपनाया। न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, जनरल चौहान ने शांग्री-ला डायलॉग के दौरान कहा, “फर्जी खबरों से निपटना एक लगातार काम था, हमारी कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी सोची-समझी हुई थी, हमने इस दौरान संतुलित रवैया अपनाया…।”
तथ्यों पर आधारित हो जानकारी
CDS चौहान ने कहा कि भारत की रणनीति हमेशा से यह रही है कि मजबूत तथ्यों पर आधारित जानकारी को ही प्राथमिकता दे। उन्होंने कहा कि इसे ऐसे समझें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले तीन दिनों में दो महिला अफसर सामने आईं क्योंकि हमारी मिलिट्री लीडरशिप ऑपरेशंस में व्यस्त थी और 10 तारीख के बाद ही DGMO मीडिया के सामने आए। CDS चौहान ने कहा कि इस संघर्ष के दौरान साइबर की भी भूमिका थी लेकिन इसका असर सीमित था। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के तनाव के दौरान स्कूल की वेबसाइट और कई पब्लिक प्लेटफॉर्म पर हमले हुए लेकिन हमारे ऑपरेशनल सिस्टम पर उनका कोई असर नहीं हुआ।
गलत सूचनाएं फैलाई गयी
बताना जरूरी होगा कि एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान पर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया था। विक्रम मिसरी ने कहा था कि सिरसा के एयर स्टेशन के तबाह होने का दावा पूरी तरह झूठा है और इसी तरह सूरत के एयर स्टेशन को लेकर किया गया दावा भी गलत है। विक्रम मिसरी ने भारत-पाकिस्तान के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रहे झूठ के जाल में न फंसने की अपील लोगों से की थी।