
11 years unmatched of modi government,congress said,only mayajal
राष्ट्रमत न्यूज,भोपाल(ब्यूरो)। केन्द्र में मोदी सरकार के 11 साल को बीजेपी बेमिसाल कह रही है वहीं कांग्रेस कह रही है केवल मायाजाल है। प्रदेश का मिजाज इस मामलें में अलग अलग है। कई टीवी चैनल ने मोदी सरकार के फेवर में सर्वे किया। जिसमें उसने मोदी सरकार के कामकाज को बताया कि 53.3 फीसदी लोगों ने शानदार कहा। जाहिर है कि आज तक सहित कई गोदी मीडिया हैं, जिन्होंने मोदी सरकार के फेवर वाले सर्वे ही दिखाये। लेकिन किसी ने यह नहीं दिखाया कि मोदी सरकार के झूठे वायदे पर लोगों ने क्या कहा। उनकी विदेश नीति पर क्या कहा।विपक्षी सांसदों का डेलिगेशन विदेशों में आॅपरेशन सिन्दूर के प्रचार प्रसार के लिए गया, उस पर सरकार और विपक्ष के रिश्ते सुधरेंगे। 44.6 फीसदी लोगों की राय हाॅ में थी।शशि थरूर के मामले में 52.4 फीसदी लोगों का कहना था कि इससे कांग्रेस को नुकसान होगा।
यह नहीं पूछा गया
सर्वे में यह नहीं पूछा गया कि क्या नरेन्द्र मोदी ने सरेंडर किया। महाराष्ट्र चुनाव क्या बीजेपी ने चुरा लिया। ट्रंप और मोदी के रिश्ते पर कोई सवाल नहीं किया गया। ऐसे कई सवाल हैं,जिस पर देश का क्या मिजाज है किसी ने नहीं पूछा। वहीं एम पी के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव आज पत्रकारों को बतायंेगे मोदी सरकार की उपलब्धियां क्या है? वहीं विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि जमीनी हकीकत चीख चीख कर कह रही है कि ये विकास नहीं,बस इवेंट मैनेजमेंट है।
सीएम ने उपलब्धियां गिनाई
बीजेपी मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना रही है। वहीं कांग्रेस मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रही है। आज भोपाल में सीएम डाॅ मोहन यादव भाजपा कार्यालय में प्रेस कान्फ्रेंस कर मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई।
उमंग और उनके सवाल
विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि जमीनी हकीकत चीख चीख कर कह रही है कि ये विकास नहीं,बस इवेंट मैनेजमेंट है। उन्होंने कई सवाल किये हैं और मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि बताएं क्या ये सब हो गया है। उनके सवाल गौर करने लायक हैं। नेता प्रतिपक्ष ने X पर 11 सवालों के जवाब सीएम डॉ मोहन यादव से मांगे हैं।
- बात युवाओं को नौकरी देने की हुई थी। लेकिन, मध्यप्रदेश में तो हज़ारों फर्जी कर्मचारी बना दिए गए, भर्ती परीक्षाओं में घोटाले हुए। फिर भी सरकार चुप क्यों है? इन घोटालों की ज़िम्मेदार कौन है?
- कहा गया था कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी। आखिर मध्यप्रदेश उस लक्ष्य को क्यों नहीं हासिल कर पाया?
- प्रदेश में लगभग 18 लाख MSMEs हैं, फिर भी MSME विभाग का बजट मात्र 1700 करोड़ रुपए क्यों रखा गया? यह सूक्ष्म उद्यमों के साथ अन्याय नहीं तो और क्या है?
- PESA क़ानून आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, फिर प्रदेश सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू क्यों नहीं करवा पा रही है?
- आदिवासी परिवारों को अब तक वन अधिकार क्यों नहीं दिए गए? क्या सरकार इन अधिकारों को दबाने की नीति पर चल रही है?
- भाजपा ने पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम करने का वादा किया, फिर भी भोपाल में पेट्रोल-डीज़ल मुंबई और दिल्ली से ज़्यादा महंगा क्यों बिक रहा है?
- ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ की बात की गई थी, फिर जल जीवन मिशन, परिवहन विभाग और प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाले कैसे हुए? और इन पर प्रदेश सरकार अब तक चुप क्यों है?
- हर हाथ को काम देने का वादा था, फिर मनरेगा जैसी योजनाओं में बजट में कटौती क्यों की जा रही है? 100 दिनों के रोज़गार की गारंटी सुनिश्चित करने में सरकार क्यों विफल है?
- पड़ोसी राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में बिजली के बिल सबसे ज़्यादा क्यों हैं? नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के दावों का क्या हुआ?
- प्रदेश में दलितों और आदिवासियों के खिलाफ़ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार इन घटनाओं को रोकने में अब तक नाकाम क्यों रही है?
- उज्ज्वला योजना में गैस सिलेंडर दिए गए, लेकिन गैस भरवाने के लिए गरीबों के पास पैसे नहीं हैं। हर घर को ₹400 में सिलेंडर देने का वादा किया गया था – अब तक वह वादा पूरा क्यों नहीं हुआ?