मुंबई। (विद्याकांत त्रिपाठी)। हरियाणा का फेक्टर महाराष्ट्र में भी काम करेगा। यह सवाल सियासी गलियारों में ही नहीं आम जनता के बीच भी जोरो से है। ग्रामीण अंचल की हवा बदल रही है। लड़की बहिन योजना एक बार फिर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बना सकती है। यह अलग बात है कि इस बार अमितशाह सत्ता का चेहरा बदलना चाहते हैं। एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि उनकी पार्टी को अधिक से अधिक सीट मिल जाए तो वो अमितशाह के गेम चेंज को झटका दे सकें। उन्हें पूरा भरोसा है कि ल़ड़की बहिन योजना उनके लिए लकी साबित होगा। अभी तक कीे रिपोर्ट के अनुसार लड़की बहिन योजना ने विपक्ष की धड़कन बढ़ा दी है।
सियासी मंजर
पश्चिम महाराष्ट्र के सतारा जिले के गांव के ज्यादातर लोगों का कहना है कि लड़की बहिन योजना की वजह से एक अंतर पैदा हुआ है। इससे न सिर्फ अधिकतर महिलाओं के खातों में 4500 हजार रुपए पहुंचे हैं, बल्कि कई महिलाएं तो ऐसी हैं जिन्हें 7500 हजार रुपए तक मिले हैं। इससे महा विकास अघाड़ी का असर कुछ कम हुआ है। बावजूद इसके यह नहीं कह सकते कि सियासी मंजर पूरी तरह बदल गया है।
सहानुभूति का वोट
लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के लिए परिणाम अनुकूल रहा। जबकि महायुति के लिए बेहतर नहीं था। बीजेपी को नौ सीट और शिंद को सात सीट तथा अजीत पवार की एनसीपी को एक सीट मिली थी। इसके आधार पर कांग्रेस को यह लगने लगा था कि महाराष्ट्र में अगली सरकार कांग्रेस की बनेगी। लेकिन हरियाणा के चुनाव परिणाम के बाद उनकी धुकधुकी बढ़ गयी है। कहीं यहां भी एच फेक्टर काम न कर जाए। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि शिवसेना और एनसीपी के टूटने पर उन्हें सहानुभूति वोट मिले थे। लेकिन विधान सभा चुनाव में ऐसा होगा। महाराष्ट्र 20 नवम्बर तक सब साफ हो जाएगा।
मुफ्त की रेवड़ी
सवाल यह है कि एक ही राज्य में जो फैक्टर काम किया क्या वो दूसरे राज्य में भी कामयाब हो सकता है। वोटर मुफ्त की रेवड़ी पसंद करता है। मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना ने हारने वाली बीजेपी को बहुमत से कहीं ज्यादा सीट झोली में डाल दी थी। निराश बीजेपी कार्यकर्ताओं में जान फूक दी थी। अब एकनाथ शिंदे को भी लग रहा है कि हारी हुई बाजी हम जीत सकते हैं।
शिंदे को त्याग करना चाहिए
अब बीजेपी महाराष्ट्र के चुनाव में अपने सहयोगियों एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी से ज्यादा सौदेबाजी कर सकती है। जैसा सीटों के बंटवारे की एक बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कहा. हमने आपको मुख्यमंत्री बनाने के लिए बहुत त्याग किया है। अब आपको भी त्याग करना चाहिए। शाह का मतलब था कि शिंदे बीजेपी के लिए ज्यादा सीटें छोड़ें। भले ही महायुति मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है लेकिन फिर भी उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पार्टी के सबसे अच्छे नेता के रूप में देखा जा रहा है।
शिंदे खुद को मजबूत किये
लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद एकनाथ शिंदे ने लगातार खुद को मजबूत किया है। वे समझ गए कि विधान सभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं होने से उनका सियासी वजूद संशय में पड़ जाएगा। महाराष्ट्र में माझी लड़की बहिन योजना से वह लोकप्रिय हुए हैं। ऐसा लग रहा है कि यह योजना महायुति के लिए गेम चेंजर साबित होगी। जैसा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए हुआ था। शरद पवार महाराष्ट्र के सबसे बड़े सियासी खिलाड़ी हैं। देखना यह है कि वे कांग्रेस के लिए कुछ करते हैं या फिर उद्धव के लिए अथवा अपनी पार्टी के लिए।